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रकबर खान मॉब लिंचिंग केस : कोर्ट ने 4 आरोपियों को दोषी माना, चारों को 7-7 साल की सजा; एक आरोपी बरी

अलवर। राजस्थान के अलवर के रामगढ़ में रकबर मॉब लिंचिंग केस में कोर्ट ने 5 में से 4 आरोपी को दोषी माना है। एडीजे कोर्ट नंबर-1 ने चारों दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं एक आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। 2018 में 29 साल के रकबर खान की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उस पर गौ तस्करी का शक था। वह हरियाणा का रहने वाला था।

पर्याप्त सबूत नहीं होने पर एक आरोपी बरी

कोर्ट ने आरोपी परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश व विजय कुमार को धारा 341 व 304 पार्ट एक के तहत दोषी पाया है। वहीं एक आरोपी नवल किशोर को संदेह का लाभ देकर सभी धाराओं से बरी कर दिया गया है। कोर्ट का फैसला आते ही चारों आरोपियों को पुलिस कस्टडी में ले लिया। बता दें कि 20 जुलाई 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके के लालदंडी गांव में गौ तस्करी के संदेह में कुछ लोगों ने 28 साल के रकबर उर्फ अकबर खान और उसके साथी असलम की कथित तौर पर बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। इस घटना में रकबर की मौत हो गई थी।

पीड़ित पक्ष ने बताया मॉब लिंचिंग

एडवोकेट अशोक कुमार ने कहा कि, मॉब लिंचिंग का कोई सेक्शन नहीं है। यह एक्ट अभी अस्तित्व में नहीं आया है। यह लागू नहीं हुआ है। लेकिन है तो मॉब लिंचिंग ही। जिन धाराओं में आरोपियों को दोषी माना गया है, वे धारा 302 के ही पार्ट हैं। लिंचिंग का मतलब है कि अन्याय पूर्ण दंड देना। इसमें खुद कानून हाथ में लेकर मारपीट मानी जाती है, इसमें पीड़ित की बाद में मौत हो जाती है।

बचाव पक्ष बोला- ये मॉब लिंचिंग नहीं

आरोपी पक्ष के वकील हेमराज गुप्ता का कहना है कि, मॉब लिंचिंग मानते तो आरोपियों को 147 में भी दोषी माना जाता। लेकिन कोर्ट ने धारा 147 में सबको बरी कर दिया है। धारा 304 में दोषी माना है। पुलिस के हवाले करनेे के बाद घायल को तुरंत अस्पताल ले जाकर इलाज नहीं कराया गया। एएसआई ने अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया।

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