
राजस्थान। जयपुर की फैमिली कोर्ट-1 ने एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर अहम फैसला सुनाया है। फैसले के तहत, शादी के बाद गैर पुरुष से संबंध रखने वाली पत्नी गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं होती। कोर्ट ने तलाकशुदा महिला की गुजारा भत्ता की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी, क्योंकि महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था। इस वजह से वह कानूनन इस सहायता की हकदार नहीं है।
पत्नी ने मांगे थे 40 लाख रुपए
मामले में पत्नी ने अपने पति से 40 लाख रुपए स्थायी गुजारा भत्ता की मांग की थी। महिला का तर्क था कि उसके पति की सरकारी नौकरी और पर्याप्त संपत्ति होने के कारण उसे भरण पोषण दिलाया जाए। वहीं, पति ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वह केवल क्लर्क है और पूर्व दिवंगत पत्नी से हुए बेटे और बीमार मां की जिम्मेदारी उस पर है। ऐसे में वह यह राशि दे पाने में सक्षम नहीं है।
पति ने लगाया एडल्ट्री का आरोप
पति ने अदालत को बताया कि शादी से पहले से ही पत्नी का पड़ोस के युवक से प्रेम संबंध था। शादी के बाद भी उसने इस प्रेम संबंध को जारी रखा। इसी वजह से, दोनों के बीच 2019 में ही क्रूरता और एडल्ट्री के आधार पर तलाक हो गया था।
1991 में हुई थी दोनों की शादी
इस मामले को देख रहे वकील डीएस शेखावत और रजनी अग्रवाल ने बताया कि दोनों की शादी 1991 में हुई थी। पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण शादी के बाद से ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गए। यहां तक कि 1993 में पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पीड़ित पर चाकू से हमला किया था। इसके बाद एफआईआर दर्ज हुई और आरोपी युवक को हथियार के साथ गिरफ्तार भी किया था।
क्या है गुजारा भत्ता के नियम ?
भारतीय कानून के अनुसार, पत्नी अपने पति से मासिक भरण पोषण की मांग कर सकती है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 144 के तहत पैरेंट्स अपने बच्चे से, पत्नी अपने पति से और संतान अपने परिजनों से मासिक भरण पोषण लेने के लिए दावा पेश कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रार्थना पत्र दायर करना होता है।