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आतंकवाद के खिलाफ पुतिन का भारत को फुल सपोर्ट, रूसी राष्ट्रपति के भारत आने की संभावना, कहा- आतंक के खिलाफ लड़ाई में साथ

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गहरी संवेदना प्रकट की और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में पूर्ण समर्थन देने की बात कही। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। राष्ट्रपति पुतिन ने दोषियों को कड़ी सजा देने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने पर बल दिया।

आतंकवाद के खिलाफ भारत को रूस का साथ

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने X पर जानकारी दी कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन ने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने भारत को भरोसा दिलाया है कि रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हर कदम पर भारत के साथ खड़ा है।”

पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि हमले में शामिल सभी लोगों और उनके पीछे काम कर रहे तत्वों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। 

इस साल भारत आ सकते हैं पुतिन

रूसी राष्ट्रपति इस साल भारत की यात्रा पर आ सकते हैं। यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा होगी। हालांकि उनकी यात्रा की तारीखों की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच तैयारियां चल रही हैं। पुतिन पिछली बार दिसंबर 2021 में भारत आए थे। यह दौरा मात्र 4 घंटे का था, लेकिन इसमें भारत और रूस के बीच 28 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे, जिनमें रक्षा और तकनीकी सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया था। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर वार्षिक व्यापार का लक्ष्य तय किया है।

ICC द्वारा जारी वारंट के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्राओं से दूरी

मार्च 2023 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने यूक्रेन में बच्चों के अपहरण और जबरन डिपोर्टेशन के आरोप में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह पहली बार था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के किसी स्थायी सदस्य देश के सर्वोच्च नेता के खिलाफ ऐसा कदम उठाया गया।

इस वारंट के बाद पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय दौरों से दूरी बना ली है। वह 2023 के G20 शिखर सम्मेलन में भारत नहीं आए थे और 2024 में ब्राजील में हुए सम्मेलन में भी उन्होंने भाग नहीं लिया। दोनों मौकों पर विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस का प्रतिनिधित्व किया।

पहलगाम हमले के दिन भी मिला था रूस का साथ

22 अप्रैल को हुए इस आतंकवादी हमले के दिन भी रूस ने भारत के प्रति समर्थन जताया था। राष्ट्रपति पुतिन ने उस दिन एक आधिकारिक बयान में कहा था, “हम भारत के साथ खड़े हैं। पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है और हम सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”

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