
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में हुए बस अग्नीकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ड्राइवर ने ही ऑफिस बस में आग लगाई थी। हिंजेवड़ी इलाके में एक टेंपो ट्रैवलर वाहन में आग लगने से चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी, जबकि छह लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। प्रारंभिक जांच में इसे शॉर्ट सर्किट का मामला माना जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सबको चौंका दिया। इस हादसे के पीछे कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि खुद वाहन चालक की गहरी साजिश थी।
कैसे हुआ खुलासा?
19 मार्च की सुबह जब हिंजेवड़ी स्थित विप्रो सर्कल फेज-1 इलाके में टेंपो ट्रैवलर में आग लगी, तो पुलिस ने पहले इसे एक सामान्य दुर्घटना समझा। लेकिन जब ड्राइवर जनार्दन हंबर्डीकर मामूली झुलसने के बावजूद बार-बार बेहोश होने का नाटक करने लगा, तो पुलिस को शक हुआ।
पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कन्हैया थोरात की टीम ने जब घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। वीडियो में ड्राइवर को सीट के नीचे कुछ जलाते हुए देखा गया। जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपी ड्राइवर की नाराजगी बनी मौत की वजह
पुलिस जांच में सामने आया कि, जनार्दन हंबर्डीकर अपने वेतन में कटौती और कर्मचारियों के व्यवहार से काफी नाराज था। दिवाली के दौरान कंपनी ने उसका वेतन कम कर दिया था और अन्य कर्मचारी उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे थे। अपमान और गुस्से से भरा जनार्दन अपने सहकर्मियों को सबक सिखाना चाहता था।
ऐसे दी घटना को अंजाम
आरोपी ड्राइवर ने इस घटना की पूरी योजना पहले ही बना ली थी…
- उसने एक लीटर बेंजीन सॉल्यूशन (एक अत्यधिक ज्वलनशील केमिकल) प्लास्टिक की बोतल में भरकर गाड़ी में रख लिया।
- सीट के नीचे कपड़े बिछाए ताकि आग तेजी से फैले।
- अगले दिन सुबह जब वह कर्मचारियों को लेने गया, तो उसने रास्ते में एक माचिस खरीदी।
- हिंजेवड़ी के फेज-1 इलाके में पहुंचते ही उसने कपड़ों में आग लगा दी, जिससे केमिकल के कारण आग तेजी से फैल गई।
- खुद को बचाने के लिए वह तुरंत गाड़ी से कूद गया, लेकिन कई कर्मचारी वाहन में ही फंस गए।
कौन-कौन हुआ हादसे का शिकार?
इस दर्दनाक हादसे में चार कर्मचारियों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई:
- शंकर कोंडिबा शिंदे
- गुरुदास खांडू लोखरे
- सुभाष सुरेश भोसले
- राजन सिद्धार्थ चव्हाण
जबकि छह कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए और अस्पताल में भर्ती हैं-
- जनार्दन हंबर्डीकर (आरोपी ड्राइवर)
- विश्वास खानविलकर
- चंद्रकांत मालजी
- प्रवीण निकम
- संदीप शिंदे
- विश्वास जोरी
चार कर्मचारी समय रहते वाहन से बाहर निकलने में सफल रहे, जिससे उनकी जान बच गई।
ड्राइवर की साजिश से निर्दोषों की मौत
पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि, ड्राइवर तीन खास कर्मचारियों से नाराज था और उन्हें सबक सिखाना चाहता था। लेकिन उसकी योजना ने चार निर्दोष लोगों की जान ले ली, जिनका इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं था।
घटना का खुलासा होते ही पुलिस ने जनार्दन हंबर्डीकर को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ हत्या, आगजनी और जानबूझकर लोगों की जान जोखिम में डालने जैसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।