
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी गिनती देश के मुखर नेताओं में होती थी, जो बेखौफ अपनी बात रखते थे। कभी येचुरी ने क्यूबा क्रांतिकारी फिदेल कास्त्रो से एक खास सबक लिया था और कभी येचुरी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का खुला विरोध किया था। वह जीवन में जितने हरफनमौला थे, जिंदगी में उतने ही हादसों से भी होकर गुजरे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी ही खर्चा संभालती हैं। उनके जीवन में सबसे बड़ी दुखदायी घटना तब हुई, जब कोरोना को कारण उनके जवान बेटे की मृत्यु हो गई।
जवान बेटे को कोरोना ने छीन लिया
सीताराम येचुरी के जीवन में सबसे बड़ा दुख तब आया जब कोरोना ने उनके जवान बेटे को छीन लिया। सीताराम येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से एक पत्रकार हैं। एक इंटरव्यू में येचुरी ने यहां तक कहा था कि उनकी पत्नी ही उनका खर्चा चलाती हैं। उन्होंने इससे पहले वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से शादी की थी, जिससे उन्हें एक बेटी और एक बेटा है। उनके बड़े बेटे आशाष का 22 अप्रैल 2021 में COVID-19 के कारण निधन हो गया था। वह महज 34 साल के थे।
12 साल तक रहे राज्यसभा सांसद
सीताराम येचुरी ने 2004 में यूपीए सरकार के गठन के दौरान गठबंधन में अहम भूमिका निभाई थी। 1996 में उन्होंने संयुक्त मोर्चा सरकार के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का खाका तैयार करने के लिए पी. चिदंबरम का सहयोग किया था। येचुरी 12 साल तक राज्यसभा के सदस्य रहे। हालांकि, वो कभी भी लोकसभा के सदस्य निर्वाचित नहीं हुए।
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फिदेल कास्त्रो के साथ से लेकर ओबामा के विरोध तक
क्यूबा में क्रांति लाने वाले फिदेल कास्त्रो से मिलने के लिए एक बार भारत से लेफ्ट के एक बुजुर्ग और एक युवा नेता गए। बातचीत में यूं ही कास्त्रो ने पूछ लिया कि बताइए भारत में स्टील का कितना उत्पादन होता है। इस सवाल पर दोनों नेता चुप रहे। कास्त्रो ने बुजुर्ग नेता को कुछ नहीं कहा, लेकिन युवा नेता से बोले- हमेशा होमवर्क करके आइए। अपने देश के आंकड़े आपको उंगलियों पर याद होने चाहिए। इस युवा लड़के ने यह सीख हमेशा याद रखा। ये करीब 40 साल पुरानी बात है। वह युवा लड़का कोई और नहीं बल्कि सीतारम येचुरी ही थे। यह सीख सीताराम येचुरी कभी नहीं भूले।
जब सीताराम येचुरी पार्टी के महासचिव थे, तब उन्होंने अमेरिका की विदेश नीति का खुला विराध किया था। जब गणतंत्र दिवस के मौके पर बराक ओबामा भारत आए थे तो येचुरी ने इसका कड़ा विरोध किया था।
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