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Price Hike : टीवी, फ्रिज, AC पर महंगाई की गाज! 5 फीसदी बढ़ सकते हैं दाम

- प्रीमियम उत्पादों की कीमतों में 4-5 फीसदी और एंट्री-लेवल उत्पादों में 2-3 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली। टीवी, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसे उपभोक्ता टिकाऊ उत्पादों की कीमतों में मार्च तक 5 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि रुपए के कमजोर होने के कारण होगी, क्योंकि कंपनियां इन उत्पादों के लिए 30-40 फीसदी अहम पुर्जे चीन, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से आयात करती हैं। रुपए में गिरावट के कारण इन पुर्जों की आयात लागत बढ़ जाती है, जिससे उत्पादन महंगा हो जाता है।

हालांकि, कंपनियां यह मूल्य वृद्धि बजट के बाद मार्च तक लागू कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वे बजट में मिलने वाली रियायतों और वस्तुओं की कीमतों के साथ-साथ मुद्रा बाजार की स्थिति का आकलन करना चाहती हैं। मांग में वर्तमान कमजोरी के कारण कंपनियां फिलहाल कीमतें स्थिर रखने की कोशिश कर रही हैं। हायर एप्लायंसेज के अध्यक्ष एनएस सतीश के अनुसार, कमजोर रुपये के कारण उत्पाद महंगे हो रहे हैं। जबकि अभी कीमतें स्थिर हैं, लेकिन यदि रुपए में गिरावट जारी रहती है, तो प्रीमियम उत्पादों की कीमतों में 4-5 फीसदी और एंट्री-लेवल उत्पादों में 2-3 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।

कीमतों में बढ़ोतरी आगे भी सकती है जारी

सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स की वरिष्ठ उपाध्यक्ष पल्लवी सिंह ने बताया स्मार्ट टीवी की कीमतों में भी 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी की संभावना है। रुपया पिछले तीन माह में लगभग 3% गिर चुका है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति आगे भी जारी रह सकती है। वैश्विक मंदी, व्यापार युद्ध और भू-राजनीतिक मुद्दे डॉलर को मजबूत बना रहे हैं। हालांकि, बेस मेटल्स की कीमतों में गिरावट ने फिलहाल लागत में कुछ राहत दी है, लेकिन विशेषज्ञ इसे अस्थाई राहत मानते हैं। कंपनियां आमतौर पर एसी और फ्रिज के लिए कंप्रेसर, टीवी के लिए पैनल और वाशिंग मशीन के लिए मोटर जैसे महत्वपूर्ण पुर्जे आयात करती हैं।

गर्मी में मांग बढ़ने से अधिक प्रभावी होंगी कीमतें

स्थानीयकरण के प्रयासों के कारण आयातित पुर्जों का प्रतिशत 60-70 फीसदी से घटकर 30-40 फीसदी रह गया है, लेकिन मुख्य पुर्जे अभी भी विदेशों से ही आते हैं। मार्च में दक्षिण और पश्चिमी बाजारों में कूलिंग उत्पादों की बिक्री शुरू होगी, जबकि उत्तर भारत में गर्मियों का सीजन अप्रैल से शुरू होगा। गर्मियों के दौरान मांग बढ़ने के कारण कीमतों में यह बढ़ोतरी अधिक प्रभावी हो सकती है।

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