
रामेश्वरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रामेश्वरम के ‘अग्नि तीर्थ’ तट पर स्नान करने के बाद यहां भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की। रुद्राक्ष-माला पहने नजर आए प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के प्राचीन शिव मंदिर रामनाथस्वामी में पूजा की। पुजारियों ने मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मोदी ने मंदिर में हुए भजनों में भी हिस्सा लिया।
रंगनाथस्वामी मंदिर भी पहुंचे पीएम
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम द्वीप में स्थित शिव मंदिर का संबंध रामायण से भी जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने यहां शिवलिंग स्थापित किया था। भगवान राम और सीता देवी ने यहां पूजा की थी। तिरुचिरापल्ली जिले में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा करने के बाद मोदी वायुसेना के एक हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे और भाजपा कार्यकर्ताओं व स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
प्रधानमंत्री #नरेंद्र_मोदी ने तमिलनाडु के #रामेश्वरम में श्री #अरुलमिगु_रामनाथस्वामी_मंदिर में पूजा-अर्चना की, समुद्र में पवित्र डुबकी भी लगाई। देखें VIDEO || सोर्स- ANI || @PMOIndia @narendramodi #ArulmiguRamanathaswamyTemple#Rameshwaram #TamilNadu #Peoplesupdate pic.twitter.com/i4A9Gx4Nib
— Peoples Samachar (@psamachar1) January 20, 2024
हाथी को भोजन देकर आशीर्वाद लिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को पारंपरिक तमिल परिधान पहनकर यहां श्री रंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के इस प्राचीन मंदिर में दर्शन के दौरान ‘वेष्टि’ (धोती) और ‘अंगवस्त्रम’ (शॉल) पहना था। उन्होंने भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा-अर्चना की और हाथी को भोजन देकर आशीर्वाद लिया। मोदी ने इस दौरान श्री रंगनाथस्वामी के दर्शन किए। उन्हें मंदिर के पुजारियों ने ‘सदरी’ प्रदान की। उनके आगमन पर पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका औपचारिक ‘पूर्ण कुंभ’ स्वागत किया गया। यह रामायण से जुड़ा दक्षिण भारत का तीसरा मंदिर है, जिसमें इस सप्ताह प्रधानमंत्री ने सोमवार को अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले दर्शन और पूजन किया।
पीएम आंध्र प्रदेश से शुरू की यात्रा
पीएम मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के सत्यसाई जिले के ऐतिहासिक वीरभद्र मंदिर में पूजा-अर्चना की थी जिसका रामायण में जटायु प्रकरण के साथ अत्यधिक महत्व है। इसके बाद उन्होंने केरल के त्रिशूर में त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में दर्शन किए। यह मंदिर भगवान राम और उनके भाइयों से संबंधित है।