Manisha Dhanwani
27 Nov 2025
Naresh Bhagoria
26 Nov 2025
Manisha Dhanwani
25 Nov 2025
एक्रॉ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों विदेश यात्रा पर हैं और उनका पहला पड़ाव पश्चिम अफ्रीकी देश घाना रहा। गुरुवार को उन्होंने घाना की संसद को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, वैश्विक भूमिका और अफ्रीका के साथ साझेदारी की मजबूती पर विस्तार से बात की।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र को भारत की आत्मा बताते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक प्रणाली नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और नैतिक पहचान है। उन्होंने भारत को दुनिया का शक्ति स्तम्भ करार देते हुए घाना के लोगों और वहां की लोकतांत्रिक विरासत की भी जमकर सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत की लोकतांत्रिक विविधता और गहराई का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह लोकतंत्र हमारे लिए महज एक सिस्टम नहीं, बल्कि एक संस्कार है। उन्होंने बताया कि भारत में 2,500 से अधिक राजनीतिक दल हैं, जहां अलग-अलग राज्यों में करीब 20 विभिन्न दलों की सरकारें कार्यरत हैं। भारत की 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हमारे लोकतंत्र को और समृद्ध बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और इसी लोकतांत्रिक भावना के कारण भारत वैश्विक स्थिरता और समृद्धि में अहम भूमिका निभा सकता है। उनका मानना है कि एक मजबूत और स्थिर भारत ही विश्व के लिए एक सकारात्मक शक्ति बन सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। मोदी ने इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों का सम्मान बताते हुए घाना की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने भाषण में घाना और भारत के ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए कहा कि दोनों देशों की मित्रता इतनी गहरी है कि यह घाना के मशहूर शुगर लोफ अनानास से भी मीठी है।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और घाना के बीच चार महत्वपूर्ण समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए हैं। इन समझौतों में व्यापार, डिजिटल सहयोग, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग को लेकर सहमति बनी है। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीका के विकास फ्रेमवर्क का पूरी तरह समर्थन करता है और दोनों देश मिलकर समावेशी और उज्ज्वल भविष्य की नींव रख सकते हैं।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्तर पर सामने आ रहे नए संकटों की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और साइबर खतरों जैसे जटिल संकट आज दुनिया को एकजुट होकर सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीती सदी में बने अंतरराष्ट्रीय संस्थान अब इन चुनौतियों के समाधान में संघर्ष कर रहे हैं, इसलिए वैश्विक शासन में अब विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की सख्त जरूरत है।
मोदी ने अपने संबोधन में भारत की विदेश नीति को ह्यूमैनिटी फर्स्ट की विचारधारा पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि भारत हर उस कदम का समर्थन करता है जिससे मानवता को लाभ हो। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने G20 की अध्यक्षता के दौरान घाना को स्थायी सदस्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह भारत के वैश्विक नेतृत्व का प्रमाण है।