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आज से 3 देशों की यात्रा पर PM मोदी : साइप्रस से होगी शुरुआत, कनाडा में G7 समिट में होंगे शामिल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून से अपने चार दिन के विदेश दौरे पर रवाना हो गए हैं। इस दौरान वे तीन देशों- साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी की इस यात्रा को भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15-16 जून को साइप्रस की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। वे साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडूलाइड्स से मुलाकात करेंगे और व्यापारिक जगत के नेताओं को भी संबोधित करेंगे।

यह पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का साइप्रस का पहला दौरा है। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था। इस यात्रा से दोनों देशों के कूटनीतिक और आर्थिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

साइप्रस से भारत के पुराने और मजबूत संबंध

भारत ने 1960 में साइप्रस को स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच 1962 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए। साइप्रस हमेशा भारत के कश्मीर मुद्दे पर समर्थन करता रहा है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप और IAEA की सदस्यता में भी भारत का साथ देता है।

1974 में साइप्रस पर तुर्किये के कब्जे के बाद से ही साइप्रस और तुर्किये के बीच विवाद है। इस दौरे को तुर्किये और पाकिस्तान के गठजोड़ को जवाब देने के रूप में भी देखा जा रहा है।

G7 सम्मेलन में PM मोदी की छठी भागीदारी

साइप्रस के बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा जाएंगे। 16-17 जून को कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में आयोजित होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में वे हिस्सा लेंगे। यह लगातार छठी बार होगा जब पीएम मोदी G7 समिट में शामिल होंगे।

G7 में प्रधानमंत्री मोदी ऊर्जा सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी और वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। साथ ही कई देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं भी होंगी।

भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के बीच PM की यात्रा

हाल के वर्षों में भारत और कनाडा के बीच खालिस्तान मुद्दे को लेकर मतभेद गहराए हैं। 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिन्हें भारत ने सिरे से खारिज किया। इस कारण दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में भी कटौती की गई थी। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी का G7 में आमंत्रित होना भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित करता है।

क्रोएशिया यात्रा: भारतीय पीएम का पहला दौरा

अपनी यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी 18 जून को क्रोएशिया जाएंगे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा होगी। वे राजधानी जाग्रेब में प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से मुलाकात करेंगे।

भारत और क्रोएशिया के बीच 1992 से राजनयिक संबंध हैं। अब तक दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीक, स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में 20 से अधिक समझौते हो चुके हैं।

वैश्विक मंच पर भारत की सक्रियता बढ़ाने की कोशिश

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल भारत के पारंपरिक मित्र देशों से संबंध मजबूत करेगी, बल्कि यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक आर्थिक मंचों पर भारत की भूमिका को और सशक्त बनाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, IMEC कॉरिडोर से लेकर रक्षा सहयोग तक यह यात्रा भारत की विदेश नीति में नए आयाम जोड़ेगी।

कुल 27,745 किलोमीटर की यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी इस पूरे दौरे में लगभग 27,745 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। उनका कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:

15-16 जून: साइप्रस

16-17 जून: कनाडा (G7 शिखर सम्मेलन)

18 जून: क्रोएशिया

19 जून: भारत वापसी

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