
रियो डी जनेरियो। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें BRICS सम्मेलन में सदस्य देशों ने आतंकवाद और वैश्विक चुनौतियों पर एकजुट रुख अपनाते हुए 31 पन्नों और 126 बिंदुओं वाला संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर हमला है।
सम्मेलन में ईरान पर हुए इजराइली हमले और भारत के पहलगाम हमले की खुलकर निंदा की गई। यह पहली बार है जब BRICS जैसे बड़े मंच पर भारत में हुए किसी आतंकी हमले को इस तरह की सख्ती के साथ ‘अत्यंत निंदनीय’ करार दिया गया है।
आतंकवाद पर प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS समिट के मंच से कहा कि आतंकवाद की निंदा सुविधा नहीं, सिद्धांत होनी चाहिए। उन्होंने आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए कहा कि, 22 अप्रैल को पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, वह भारत की आत्मा और गरिमा पर हमला था। जो देश आतंकवाद को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी चाहिए। राजनीतिक लाभ के लिए आतंक पर चुप रहना मानवता के साथ विश्वासघात है।
संयुक्त घोषणा पत्र की अहम बातें
BRICS देशों ने एक स्वर में आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने पर जोर दिया। संयुक्त बयान में कहा गया:
- आतंकवाद को किसी धर्म, नस्ल या राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जा सकता।
- सभी आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- पहलगाम हमला ‘अपराधपूर्ण और अमानवीय’ था, इसकी कठोर निंदा की गई।
- आतंकवाद के खिलाफ दोहरे मापदंडों को खारिज किया गया।
ग्लोबल साउथ के लिए पीएम मोदी ने उठाई आवाज
प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS के मंच से ग्लोबल साउथ के देशों की समस्याओं और भेदभाव पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि, 20वीं सदी की वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना नहीं कर पा रहीं। ग्लोबल साउथ को अक्सर विकास, संसाधनों और सुरक्षा में नजरअंदाज किया गया है। बिना नेटवर्क वाला मोबाइल फोन जैसे हैं ये संस्थाएं दिखती तो हैं, पर काम नहीं करतीं।
BRICS में भारत की रणनीति और प्रस्ताव
PM मोदी ने BRICS मंच पर कई ठोस और भविष्य की दिशा तय करने वाले सुझाव दिए:
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) को सोच-समझकर निवेश करने की सलाह।
- BRICS साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म बनाने का प्रस्ताव।
- डिजिटल कंटेंट पर कंट्रोल के लिए वैश्विक तंत्र की आवश्यकता जताई।
- भारत में AI इम्पैक्ट समिट की घोषणा की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग
PM मोदी और BRICS नेताओं ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में ग्लोबल साउथ को प्रभावी भूमिका देने की मांग दोहराई। चीन और रूस ने भारत और ब्राजील को UNSC में स्थायी सदस्य बनाने का समर्थन किया।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण पर फोकस
- COP30 की सफलता के लिए BRICS देशों ने प्रतिबद्धता जताई।
- भारत की 2028 में COP33 की मेजबानी की उम्मीदवारी का स्वागत किया गया।
- बिग कैट्स अलायंस में भारत की पहल को सराहा गया।
ट्रेड और प्रतिबंधों पर चिंता
- अमेरिका द्वारा BRICS देशों पर संभावित टैरिफ की धमकी की आलोचना।
- WTO नियमों के खिलाफ एकतरफा टैरिफ लगाने पर चिंता जताई गई।
- पारदर्शी, निष्पक्ष और भेदभाव रहित वैश्विक व्यापार प्रणाली की वकालत की गई।
प्रधानमंत्री मोदी का आगे का दौरा
PM मोदी अब ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया की यात्रा पर हैं, जहां वे राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच 4 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे:
- नवीकरणीय ऊर्जा
- आतंकवाद रोधी सहयोग
- कृषि अनुसंधान
- गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान
BRICS क्या है और इसका मकसद क्या है?
BRICS अब 11 देशों का समूह बन चुका है, जिनमें शामिल हैं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई, सऊदी अरब और इंडोनेशिया। इसका उद्देश्य इन देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना है, और ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करना है।
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