
बैंकॉक। थाईलैंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। संवैधानिक न्यायालय ने प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनावात्रा को पद से निलंबित कर दिया है। उन पर कंबोडिया के नेता से बातचीत के दौरान थाई सेना के कमांडर की आलोचना करने का आरोप है, जो वहां की राजनीति में एक संवेदनशील और गंभीर मुद्दा माना जाता है। अब जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, उप-प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में सरकार का संचालन करेंगे।
सेना की आलोचना बनी बर्खास्तगी की वजह
पाइतोंग्तार्न शिनावात्रा पर आरोप है कि उन्होंने कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन से फोन पर बातचीत के दौरान थाई सेना प्रमुख की आलोचना की थी। यह बातचीत लीक हो गई, जिससे पूरे देश में गुस्सा फैल गया। थाईलैंड में सेना एक शक्तिशाली संस्था मानी जाती है और उसके खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणी को असंवैधानिक और देशविरोधी माना जाता है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए संवैधानिक न्यायालय ने 7-2 के बहुमत से फैसला सुनाया और प्रधानमंत्री को तत्काल प्रभाव से पद से सस्पेंड कर दिया। कोर्ट ने कहा कि नैतिक आचरण का उल्लंघन गंभीर मसला है और इसकी विस्तृत जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर उन्हें स्थायी रूप से पद से हटाया जा सकता है।
सहयोगी पार्टी ने छोड़ा साथ, सरकार पर संकट
बातचीत लीक होने के बाद सरकार पर जबरदस्त दबाव बना है। एक बड़ी गठबंधन सहयोगी पार्टी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिससे पाइतोंग्तार्न सरकार का बहुमत कमजोर हो गया है। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर हमले तेज कर दिए हैं।
पाइतोंग्तार्न ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है और कहा है कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य केवल विवादों को सुलझाना था, न कि सेना का अपमान करना। उन्होंने यह भी कहा कि वह न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करती हैं और कोर्ट के फैसले को मानेंगी, लेकिन उन्हें इस पूरे घटनाक्रम से गहरी चिंता है।
भ्रष्टाचार की जांच भी जारी
प्रधानमंत्री पद से सस्पेंड होने के साथ ही पाइतोंग्तार्न पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच भी चल रही है। थाई भ्रष्टाचार आयोग ने उनके खिलाफ कुछ सरकारी अनुबंधों में अनियमितताओं की शिकायतों की पुष्टि की है और इस पर विस्तृत जांच हो रही है। अगर ये आरोप सिद्ध होते हैं तो उनका राजनीतिक भविष्य संकट में पड़ सकता है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल, खुद को बनाया संस्कृति मंत्री
थाई राजा ने मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए पाइतोंग्तार्न के मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दे दी है। नए बदलावों में कुछ पुराने मंत्रियों को हटा दिया गया है और नए चेहरों को शामिल किया गया है। आश्चर्यजनक रूप से, पाइतोंग्तार्न ने खुद को संस्कृति मंत्री नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह थाई संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का काम करेंगी।
कंबोडियाई सैनिक की मौत से बढ़ा सीमा तनाव
इस पूरे विवाद के बीच थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर भी तनाव बढ़ गया है। 28 मई को सीमा क्षेत्र में हुई झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी। यह घटना थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाओं के संगम पर हुई, जिस पर दोनों देश अपना-अपना दावा करते हैं। इससे पहले इन दोनों देशों के रिश्ते बेहद मधुर माने जाते थे, लेकिन अब उनमें तनाव की स्थिति बनी हुई है।