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हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में पेप्सिको भी शामिल

- सौदा हुआ तो पेप्सिको को देश में मिलेगा बेहतरीन नेटवर्क, हल्दीराम के लिए आसान होगा वैश्विक विस्तार

मुंबई। हल्दीराम स्नैक्स फूड में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में पेप्सिको भी शामिल हो गई है। टेमासेक और अल्फा वेव ग्लोबल जैसे निवेशक पहले से ही हल्दीराम में हिस्सा खरीदने की उन्नत चरण की बातचीत कर रहे हैं। इन कंपनियों ने पिछले माह 10 से 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव किया है। पेप्सिको के न्यूयॉर्क मुख्यालय के अधिकारियों ने अग्रवाल परिवार से सीधी बातचीत शुरू की है। हालांकि, यह चर्चाएं अभी शुरुआती चरण में बताई जाती हैं। निवेश प्रस्ताव का नेतृत्व पेप्सिको के अमेरिकी मुख्यालय द्वारा किया जाएगा, इसमें भारतीय इकाई की भूमिका सीमित रहेगी।

स्नैक्स बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

हल्दीराम का मूल्यांकन 85,000-90,000 करोड़ रुपए के बीच माना जा रहा है। पेप्सिको लेज चिप्स, कुरकुरे और डोरीटोज जैसे स्नैक्स बनाती है। कंपनी भारत के घरेलू स्नैक्स बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है। क्षेत्रीय ब्रांड और डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर स्नैक्स निमार्ता तेजी से उभर रहे हैं और कम कीमत व उच्च रिटेलर मार्जिन के कारण राष्ट्रीय ब्रांड्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

पेप्सिको हल्दीराम से जुड़ने के लिए इच्छुक

पेप्सिको भारतीय बाजार में पश्चिमी स्नैक्स जैसे चिप्स और नाचोज में 24 फीसदी मार्केट शेयर के साथ अग्रणी है, लेकिन वह नमकीन, भुजिया और चना चूर जैसे पारंपरिक स्नैक्स के क्षेत्र में पिछड़ रही है। पेप्सिको हल्दीराम से जुड़ने को इस लिए इच्छुक है, क्योंकि हल्दीराम के साथ साझेदारी के माध्यम से पेप्सिको को व्यापक वितरण नेटवर्क और पारंपरिक स्नैक्स बाजार में पैर जमाने का मौका मिलेगा। हल्दीराम स्नैक्स फूड ने वित्तीय वर्ष 2024 में 12,800 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया है, जो पेप्सिको के भारतीय स्नैक्स व्यवसाय के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है। हल्दीराम 500 से अधिक प्रकार के स्नैक्स, नमकीन, मिठाइयां और रेडी-टू-ईट उत्पाद बनाता और वितरित करता है। उत्तर और पश्चिम भारत में अपनी संचालन इकाइयों के एकीकरण के साथ, हल्दीराम ने पारंपरिक स्नैक्स बाजार में मजबूत पकड़ बना ली है।

भारतीय स्नैक्स बाजार में मिलेगा बड़ा बदलाव

माना जा रहा है कि पेप्सिको के लिए हल्दीराम में अल्पसंख्यक हिस्सेदारी भी इसे भारत के पारंपरिक स्नैक्स बाजार में बड़ा लाभ दिला सकती है। यह सौदा पेप्सिको को हल्दीराम के मजबूत वितरण नेटवर्क तक पहुंच और भारतीय स्नैक्स बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा। वहीं, अग्रवाल परिवार के लिए यह साझेदारी वैश्विक बाजारों में विस्तार करने में मददगार हो सकती है। पेप्सिको और हल्दीराम दोनों ने इस सौदे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, इस संभावित साझेदारी से भारतीय स्नैक्स बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक ब्रांड्स के बीच प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देगा।

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