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लोगों के रिप्लाई-‘आपके सारे प्रयास अधिकारी-कर्मचारी कर रहे हैं विफल’

एक्स हैंडल CMMP में सूचना-सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कराना आसान

भोपाल। राज्य सरकार सीएम हेल्प लाइन पर दर्ज शिकायतों का त्वरित निराकरण करने पर लगातार जोर दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समय समय पर ‘चीफ मिनिस्टर एमपी’ सोशल मीडिया पर भी प्रदेश के लोगों को बता रहे हैं कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराना अब और आसान एवं सुविधाजनक है। समाधान के लिए 181 पर कॉल करें या 7552555582 पर वॉटसऐप करें। इस तरह की एक सूचना चार दिन पहले भी सोशल मीडिया पर आई। इस पर 90 प्रतिशत लोगों ने सीएम हेल्प लाइन सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए। सुशील दुबे ने रिप्लाई में लिखा-‘आपके सारे प्रयास नीचे के अधिकारी-कर्मचारी विफल कर रहे हैं।’ ऐसे ही अन्य कमेंट भी आए जो सीएम हेल्पलाइन पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

सीएम हेल्पलाइन पर पेंडेंसी का एक उदाहरण

सड़क दुर्घटना में पैर टूट गया, बकाया 20 हजार दे दो : रविन्द्र कुमार कड़वे के नाम का आवेदन चीफ मिनिस्टर एमपी में पोस्ट किया है। कड़वे ने सीएम हेल्प लाइन को लिखा है-आवेदन 19 नवंबर 2024 का है। ग्राम चिखली कलां तहसील मोहखेड़ जिला छिंदवाड़ा का हूं। मैंने पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, संबल, पंचायत दर्पण, आवास प्लस, मनरेगा, ई-ग्राम स्वराज, वर्मी नाडेप, वर्मी कंपोस्ट, जन्म-मृत्यु आदि का कार्य किया गया है। विगत वर्ष 21 नवंबर 2023 में मेरा एक सड़क दुर्घटना में एक हाथ तथा एक पैर टूट गए। पैर में रॉड होने के कारण अब रॉड निकलवाना अति आवश्यक है। दरअसल कड़वे का रवि परमार के नाम से एमपी ऑलनाइन सेंटर है। वह पंचायतों के काम करता है। इसी की बकाया राशि 20 हजार रुपए है। आवेदन कलेक्टर को लिखा था।

इन यूजर्स ने लिखा…

  • रवींद्र कुमार दाहिया : कंप्लेन का अभी तक निराकरण नहीं किया गया।
  • तेजस पाटिल: सर, आज तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ और अधिकारी हर बार यह कहकर शिकायत बंद कर देते हैं कि मार्ग मोटरेबल है। ठेकेदार बोलता है कि शिकायत वापस लो।
  • गुमान सिंह राजपूत: आप सबकी शिकायतों का निराकरण कर रहे हैं, किंतु सन 2018 की शिक्षक भर्ती का निराकरण कब तक करेंगे। उचित कार्रवाई कर तृतीय काउंसलिंग के आदेश विभाग को दें।
  • सूरज विश्वकर्मा: मोबाइल नंबर बंद है ।
  • राजेश धाकड़: अधिकारी नहीं सुनते।
  • कुलदीप धनवाई: 2022 से समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ।
  • संजीव थापक: तीन साल से शिकायत का निराकरण आज तक नहीं। क्योंकि शिकायत में पुलिस की कमियां दर्ज हैं।

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