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Parliament Budget Session : सत्र के आखिरी दिन PM मोदी बोले- 17वीं लोकसभा ने बेंचमार्क बनाए, अनुच्छेद 370 हटाया; राम मंदिर के प्रस्ताव पर कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली। संसद के बजट सेशन के आखिरी दिन लोकसभा में शनिवार को राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ चर्चा की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज का दिन बेहद अहम है। 17वीं लोकसभा के पहले सेशन में सदन ने 30 विधेयक पारित किए। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया। इस लोकसभा ने नए बेंचमार्क बनाए। इसकी प्रोडक्टिविटी 97 फीसदी रही। अब 18वीं लोकसभा एक संकल्प लेकर शुरू होगी। उसकी प्रोडक्टिविटी 100 प्रतिशत से ज्यादा होगी।

पीएम ने कहा कि देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है। 5 साल में रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म हुआ है। 5 साल में कई अहम फैसले लिए गए हैं।

राम मंदिर का प्रस्ताव बहुत अहम : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर का प्रस्ताव बहुत अहम है। राम मंदिर पर कुछ लोग मैदान छोड़कर भागे। राम मंदिर में सबका साथ, सबका विकास का तत्व है। 22 जनवरी का दिन 1528 से शुरू हुए संघर्ष और अन्याय के खिलाफ आंदोलन के अंत का दिन है। न्याय की लड़ाई यहां समाप्त हो गई। चुनाव आने वाले हैं, कुछ लोगों में घबराहट है।

ओवैसी ने लगाए बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 22 जनवरी का दिन 10 सालों के लिए ऐतिहासिक दिन बनने वाला है। ये सबको समझना चाहिए। जो इतिहास को नहीं पहचानते हैं, वो अपने वजूद को खो देते हैं। शाह से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने दो बार बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए। शाह की स्पीच शुरू होते ही वो सदन से चले गए।

राम मंदिर पर चर्चा के लिए बजट सेशन एक दिन बढ़ाया

इससे पहले राज्यसभा में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर चर्चा हुई। इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने वर्चुअली चौधरी चरण सिंह का अपमान किया, मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। आपका विरोध, नारेबाजी मैंने अपनी आंखों से देखा है। आपने सदन में जैसा माहौल बनाया, उससे हर किसान को चोट पहुंची। लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा के लिए ही बजट सेशन एक दिन बढ़ाया गया है।

मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति इसी सदन ने दिया

कितने उतार-चढ़ाव से मुस्लिम बहनें इंतजार कर रही थीं तीन तलाक का। इससे मुक्ति और नारी सम्मान का कार्य 17वीं लोकसभा ने किया। सभी सांसदों के विचार कुछ भी रहे हों, लेकिन ये कहेंगे कि न्याय करने के मौके पर हम मौजूद थे। वो बहनें हमें आशीर्वाद दे रही हैं।

लोकतंत्र, पेपर लीक, कोरोना, ट्रांसजेंडर जैसे मुद्दों को लेकर कही अहम बातें…

• पीएम मोदी ने कहा- चुनाव बहुत दूर नहीं हैं। कुछ लोगों को घबराहट रहती होगी। यह लोकतंत्र का सहज और आवश्यक पहलू है। हमारे चुनाव ही देश की शान बढ़ाने वाले हैं। लोकतंत्र की परंपरा पूरे विश्व को अचंभित करने वाली रहेगा।

• सांसदों से मिले सहयोग, निर्णय कर पाए। मैं सांसदों का भी धन्यवाद करता हूं, उस कालखंड में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को एक पल गंवाए बिना सभी सांसदों ने माना।

• इतना ही नहीं एक देशवासियों को सकारात्मक संदेश देने के लिए अपने आचरण से समाज को एक विश्वास देने के लिए सांसदों ने अपनी सैलरी में 30 फीसदी की कटौती का निर्णय खुद किया। देश को भी विश्वास हुआ कि ये सबसे पहले छोड़ने वाले लोग हैं। हम सांसद मीडिया में कभी ना कभी गाली खाते थे। इतनी सैलरी मिलती है, कैंटीन में इतने कम में खाते हैं। समान रेट होंगे कैंटीन में, इसका किसी सांसद ने विरोध नहीं किया।

• ये अंतिम संत्र और अंतिम घंटा है। लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है। ये देश किसी मकसद के लिए है। ये पूरी मानव जाति के लिए है। ऐसे ही अरविंदो, स्वामी विवेकानंद ने भी देखा था। उस विजन में जो सामर्थ्य था वो आज हम आंखों के सामने देख पा रहे हैं।

• विकट काल में हमारा समय गया, क्योंकि डेढ़-दो साल कोविड ने दबाव डाला। इस समय हमने कई साथियों को खो दिया। हो सकता है कि वो हमारे बीच मौजूद रहते। इसका दुख हमें हमेशा रहेगा। कोर्ट के चक्कर से बचाने के लिए मध्यस्थता कानून की दिशा में भी सांसदों ने भूमिका अदा की। हमेशा हाशिया पर थे, जिन्हें कोई पूछता नहीं था। सरकार होने का उनको अहसास हुआ है।

• पीएम बोले- ट्रांसजेंडर अपमानित महसूस करता था, बार-बार ऐसा होता था तो विकृतियों की आशंका बढ़ती थी। इनके प्रति भी संवेदना जताई। 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया। उन्हें पहचान दी। सरकार से जुड़ी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना शुरू हुआ। दुनिया हमारे निर्णयों की चर्चा करती है। प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी की चर्चा दुनिया के समृद्ध देशों को भी आश्चर्यचकित करते हैं।

• कंपनीज एक्ट, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हमने हटाया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए इसकी जरूरी थी। कई कानून ऐसे थे कि छोटे-छोटे वजह से लोगों को जेल में डाल दो। कंपनी है और बाथरूम 6 महीने में व्हाइट वाश नहीं कराया तो जेल में डाल दो। ये जो नागरिक पर भरोसा करने का काम था, ये लोकसभा ने किया। जनविश्वास एक्ट 180 से ज्यादा प्रावधान डीक्रिमिनलाइज करने का काम किया।

• 5 साल में युवाओं के लिए कानून बने। पेपरलीक जैसी समस्या के लिए कठोर कानून बनाए हैं। युवाओं को व्यवस्था के प्रति गुस्सा था, उसे एड्रेस करने का सभी सांसदों ने महत्वपूर्ण फैसला किया है।

• 21वीं सदी में हमारी बेसिक नीड्स पूरी तरह बदल रही है, कल तक जिसका मूल्य नहीं था वो आने वाले समय में अमूल्य बन गया है। जैसे डेटा, हमने डेटा प्रोटक्शन बिल लाकर पूरी भावी पीढ़ी को सुरक्षित कर दिया है। वो भविष्य को बनाने के लिए सही इस्तेमाल करेंगे। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोडक्शन एक्ट बनाया।

• जल-थल-नभ सदियों से इन पर चर्चा चली है। आज समुद्री शक्ति और स्पेस की शक्ति और साइबर की शक्ति। इनका मुकाबला करने की जरूरत उठ खड़ी हुई है। यहां हमें सामर्थ्य पैदा करना है और नकारात्मक शक्तियों का सामाना करना है। स्पेस की दिशा में ऐसा काम हुआ है।

• 62 की तरह चीन ने फिर मुंह दिखाना शुरू किया, हमने एक इंच जमीन नहीं दी। सर्जिकल स्ट्राइक से घर में घुसकर मारने का साहस भी दिखाया।

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