
कराची। भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर देखने को मिल रहा है। इसके प्रभाव सबसे पहले पाकिस्तान के शेयर बाजार पर पड़े हैं। कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) में दो दिनों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को तो हालात इतने बिगड़ गए कि KSE-100 इंडेक्स 9 फीसदी तक लुढ़क गया और 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट का रिकॉर्ड बन गया।
कारोबार के दौरान एक घंटे के लिए बंद करना पड़ा शेयर बाजार
गुरुवार को जैसे ही बाजार खुला, निवेशकों में घबराहट दिखने लगी। शुरुआती घंटे में ही KSE-100 इंडेक्स 6.3 प्रतिशत गिर गया, जिससे पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज को ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। करीब एक घंटे तक बाजार में कारोबार पूरी तरह ठप रहा। इससे पहले बुधवार को भी बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी। बाजार खुलते ही KSE-100 करीब 6,500 अंकों तक गिरा और 3.1 प्रतिशत नीचे बंद हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद निवेशकों ने निकाला पैसा
भारत की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के भीतर तनाव का माहौल खड़ा कर दिया है। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने सीमापार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा माहौल अस्थिर हो गया है, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है और वे भारी मात्रा में शेयरों की बिक्री कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड मार्केट भी प्रभावित
KSE-100 में भारी गिरावट का असर पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय कर्ज बाजार पर भी पड़ा है। 2036 में मैच्योर होने वाले सरकारी बॉन्ड की कीमतों में 1 सेंट से अधिक की गिरावट आई है। ट्रेडवेब के आंकड़ों के अनुसार, यह बॉन्ड निवेशकों के बीच असुरक्षा और अनिश्चितता के कारण प्रभावित हुआ है।
पहले भी झेल चुका है पाकिस्तान बाजार झटका
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान को शेयर बाजार में कारोबार रोकना पड़ा हो। इस महीने की शुरुआत में भी अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्यापार शुल्क की घोषणा के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज में 8,700 अंकों की गिरावट आई थी और ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी।