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कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद हैं अहम मुद्दे… सीजफायर के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले चार दिनों से जारी सैन्य तनाव के बाद शनिवार को जब दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की, तब क्षेत्र में शांति की उम्मीद जगी। जमीन, हवा और समुद्र में हो रही सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनने के बाद दोनों देशों ने राहत की सांस ली। हालांकि भारत ने इसे एक “आपसी समझ” बताया, जबकि पाकिस्तान ने इसे “सीजफायर समझौता” कहा है।

ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान

सीजफायर के अगले ही दिन रविवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि, अगर भारत के साथ भविष्य में बातचीत होती है तो उसमें तीन अहम मुद्दों- कश्मीर, सिंधु जल संधि (IWT) और आतंकवाद पर चर्चा हो सकती है।

आसिफ ने कहा, “ये तीन प्रमुख विषय हैं जिन पर चर्चा की जा सकती है। हम सीजफायर को बनाए रखेंगे और यदि इससे स्थायी शांति का रास्ता निकलता है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा।”

भारत की ओर से ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद बढ़ा तनाव

गौरतलब है कि, बीते सप्ताह कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी लॉन्चपैड्स पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे। इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया गया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव अपने चरम पर पहुंच गया।

भारत ने लिए थे सख्त फैसले

इस सैन्य तनाव के बीच भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तान के साथ व्यापार रोकने और सीमाएं बंद करने जैसे सख्त कदम उठाए थे। इन फैसलों से साफ संकेत मिला था कि भारत अब पाकिस्तान को कूटनीतिक और रणनीतिक दोनों स्तरों पर कड़ा जवाब देने के मूड में है।

शांति के अवसर पैदा हो सकते हैं: आसिफ

अपने बयान में ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि, अगर सीजफायर से शांति का मार्ग प्रशस्त होता है तो यह एक सकारात्मक संकेत होगा। उन्होंने कहा, “अभी कुछ भी निश्चित तौर पर कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन समय के साथ शांति के अवसर बन सकते हैं। हमें उम्मीद है कि भारत की सरकार क्षेत्र के भविष्य को प्राथमिकता देगी और संवाद के रास्ते खुले रखेगी।”

सहयोगी देशों को कहा धन्यवाद

आसिफ ने उन देशों की भी सराहना की जिन्होंने इस संकट के दौरान पाकिस्तान को कूटनीतिक समर्थन दिया। उन्होंने विशेष रूप से चीन, तुर्की, अजरबैजान और खाड़ी देशों का नाम लिया और कहा कि इन देशों की भूमिका इस पूरे दौर में संतुलन बनाए रखने में अहम रही।

भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब तक भारत की ओर से ख्वाजा आसिफ के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन रणनीतिक मामलों के जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की यह पहल उसकी अंतरराष्ट्रीय दबाव और आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता के कारण हो सकती है।

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