
नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति ‘शून्य सहिष्णुता’ की है। भारतीय सेना के एक्शन के बाद पाकिस्तान ने सरेंडर कर दिया है। पाक के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि, अगर भारत रोक दे हमला तो हम भी कोई एक्शन नहीं लेंगे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने बुधवार देर रात पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में 9 आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के मुख्य अड्डे पूरी तरह तबाह कर दिए गए। इस कार्रवाई में करीब 90 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है।
बैकफुट पर पाकिस्तान
पाकिस्तान की ओर से पहले तो तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, लेकिन जल्द ही सुर बदल गया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि, अगर भारत आगे की कार्रवाई नहीं करता, तो पाकिस्तान भी जवाबी हमला नहीं करेगा। यह बयान साफ तौर पर भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान में फैले डर और दबाव को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की धरती पर सीधा वार
बुधवार रात करीब 1 बजे भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पीओके में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक और मिसाइल हमलों को अंजाम दिया। इन ठिकानों में से 4 पाकिस्तान के पंजाब में और 5 पीओके में स्थित थे। हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग सेंटर, गोदाम और ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, इन हमलों में मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य भी मारे गए हैं, जो आतंकी गतिविधियों में सक्रिय थे।
पहलगाम की बर्बरता का करारा जवाब
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। आतंकियों ने परिवारों के सामने पर्यटकों को बेहद नृशंस तरीके से गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी संगठन है। भारत ने इसे केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि मानवता पर हमला करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की ठान ली थी।
भारत ने ठोस संदेश दिया: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, भारत की खुफिया एजेंसियों के पास पुख्ता सबूत थे कि हमले की योजना पाकिस्तान में बनाई गई थी और हमले का मकसद कश्मीर में अशांति फैलाना था। उन्होंने कहा, “भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।”
चीन का बदला रुख
भारत की इस कार्रवाई पर विश्व समुदाय ने संयमित प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन जैसे देशों ने सीधे तौर पर भारत की आलोचना नहीं की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की बात कही। पाकिस्तान का सबसे करीबी माने जाने वाला देश चीन भी सिर्फ ‘चिंता’ जताने तक सीमित रहा और उसने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया। यह भारत की कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
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