
पहलगाम। कश्मीर में शुक्रवार सुबह आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान दो घर जमींदोज हो गए। जानकारी के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो स्थानीय आतंकियों आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख के घरों पर कार्रवाई की गई। स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के गोरी इलाके में स्थित घर को सुरक्षा बलों ने बम से उड़ा दिया। दावा किया जा रहा है कि, उसके घर में एक्सप्लोसिव मिले थे, जिसमें ब्लास्ट हो गया। वहीं, इस हमले में शामिल दूसरे स्थानीय आतंकी आसिफ शेख के त्राल स्थित घर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुलडोजर से गिरा दिया।
इन दोनों आतंकियों का नाम 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में सामने आया है। आदिल थोकर पर इस हमले की योजना बनाने और पाकिस्तानी आतंकियों की मदद से अंजाम देने का आरोप है।
बांदीपोरा में चल रहा एनकाउंटर, LoC पर भी तनाव
कश्मीर के बांदीपोरा जिले के कुलनार इलाके में शुक्रवार को आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि, इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी बीच सुबह पाकिस्तान की ओर से LoC के कुछ इलाकों में फायरिंग की गई, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
सेना प्रमुख और राहुल गांधी का पहलगाम दौरा
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को बैसरन घाटी पहुंचे। वे वहां तैनात टॉप कमांडर्स और स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी अनंतनाग के अस्पताल में उन घायल पर्यटकों से मिलेंगे, जो पहलगाम हमले में जख्मी हुए थे।
कैसे हुआ था हमला
22 अप्रैल की दोपहर पहलगाम की खूबसूरत बैसरन घाटी, जिसे मिनी स्विटजरलैंड भी कहा जाता है, खून से लाल हो गई। लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों ने बॉडी कैमरा, AK-47 और स्टील बुलेट से लैस होकर पर्यटकों पर हमला किया। आतंकियों ने नाम पूछ-पूछकर हिंदू टूरिस्टों को गोली मारी। करीब 15 मिनट तक चली फायरिंग में 26 लोगों की जान गई और 10 से ज्यादा घायल हो गए।
आदिल ने पाकिस्तान में ली थी ट्रेनिंग
सेना सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले में शामिल आदिल हुसैन थोकर 2018 में वैध तरीके से पाकिस्तान गया था। वहां उसने आतंकी कैंप में प्रशिक्षण लिया और पिछले साल जम्मू-कश्मीर लौटा। चश्मदीदों के मुताबिक, हमले के दौरान आतंकवादी आपस में पश्तो भाषा में बातचीत कर रहे थे।
हालांकि, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा संगठन है।
हमले का मकसद और टारगेट क्या था?
सूत्रों का कहना है कि आतंकियों का असली मकसद 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कटरा यात्रा के दौरान हमला करना था, लेकिन किन्हीं कारणों से उस योजना को टाल दिया गया। इसके बाद उन्होंने पहलगाम में हमला कर दिया। यह भी साफ किया गया कि हमला किसी खुफिया एजेंसी के दल पर नहीं था। मारे गए लोगों में बिहार के मनीष रंजन भी थे, जो हैदराबाद में इंटेलिजेंस ब्यूरो में तैनात थे और अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर थे।
भारत का सख्त रुख
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जल संसाधन मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान को पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को स्थगित करने की जानकारी दी है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में NIA और पुलिस ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है।