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Oxford Word of the Year ‘Brain Rot’ : आखिर क्या है ‘ब्रेन रोट’, कहीं आप भी इसके शिकार तो नहीं!

Brain Rot। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हर साल ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ का चयन करती है, जो साल भर के सबसे चर्चित शब्दों में से एक होता है। 2024 के लिए ऑक्सफोर्ड ने ‘ब्रेन रोट’ को वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया है। यह शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है, जो दिनभर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्क्रॉल करते रहते हैं। इससे उनकी मानसिक थकावट बढ़ती है, साथ ही उनकी सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है। अब ‘ब्रेन रोट’ को आधिकारिक मान्यता भी मिल गई है।

कैसे बढ़ा ‘ब्रेन रोट’ का चलन 

पिछले दो दशकों में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उदय ने लोगों की दिनचर्या में बड़ा बदलाव किया है। घंटों इन प्लेटफॉर्म्स पर बिताने के बाद भी लोग मोबाइल फोन को बाथरूम तक ले जाने की आदत बना चुके है। इस आदत ने लोगों की सोचने-समझने की क्षमता को भी प्रभावित किया है। इस वजह से ही Brain Rot शब्द का चलन बढ़ा है। इसका सीधा सा संबंध लोगों की मानसिक स्थिति से है, जो सोशल मीडिया से प्रभावित हुई है।

क्या है ‘ब्रेन रोट’ का मतलब?

ब्रेन रोट का अर्थ है, दिमाग का सुस्त पड़ जाना और सोचने-समझने की क्षमता का कमजोर होना। इसका मुख्य कारण लंबे समय तक ऑनलाइन रहना और सोशल मीडिया इस्तेमाल करना है,जो दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। घंटों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्क्रॉल करने से दिमाग को नुकसान होता है। इसे ही ब्रेन रॉट कहा गया है। वहीं, ब्रेन रोट की अकेडमिक परिभाषा भी बताई गई है।

आसान भाषा में कहें तो, रील्स और शॉर्ट्स जैसे छोटे-छोटे वीडियो कंटेंट को कंज्यूम करने से लोगों के मानसिक स्तर पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। छोटे फॉर्मेट के कंटेट आपको क्षणिक सुख प्रदान करते हैं, लेकिन इसका कोई भी आउटकम नहीं होता। इससे डिसिजन मेकिंग जैसी चीजों में व्यक्ति जूझता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने इसे परिभाषित करते हुए कहा है कि ब्रेन रोट ज्यादा ऑनलाइन कंटेंट देखता है। ऐसे कंटेंट को देखना जो दिमाग को निष्क्रिय बना दे, ब्रेन रॉट कहलाता है।

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