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Operation Sindoor : झूठे पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता… विदेश सचिव ने कहा- आतंकवादियों को PAK झंडे में लपेटा गया, मिलिट्री हमारा टारगेट नहीं थी

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बीच विदेश मंत्रालय (MEA) ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार शाम 5:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी साझा की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहीं।

कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर किए गए हमले को भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम किया और इसके बाद भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान पाकिस्तान के लाहौर में स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को भी नष्ट कर दिया गया।

झूठ बोलना पाकिस्तान की रिवायत

जब विदेश सचिव विक्रम मिसरी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने भारतीय फाइटर जेट्स को मार गिराया है, तो उन्होंने कहा, इस पर आधिकारिक जानकारी उचित समय पर साझा की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि झूठ बोलने की परंपरा पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के साथ ही शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा, “1947 में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से कहा था कि कश्मीर पर हमला करने वाले कबायली थे, जबकि हमारी सेनाओं ने वहां पाकिस्तान की फौज को खुद देखा था। यह झूठ की यात्रा 75 साल पहले शुरू हुई थी और आज भी जारी है।”

सिर्फ आतंकी ठिकानों को बनाया गया निशाना: विदेश सचिव

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकियों और उनके ढांचों के खिलाफ थी, सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा, “हम तनाव नहीं बढ़ा रहे हैं, बल्कि 22 अप्रैल के आतंकी हमले का जवाब दे रहे हैं। हमारा जवाब सीमित, सटीक और गैर-आक्रामक था।” मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन आतंकवादियों की तस्वीरें भी साझा कीं जिन्हें पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने सवाल किया, “अगर सिर्फ सिविलियन मारे गए थे तो फिर ये अफसर हाफिज सईद के साथ क्यों दिखाई दे रहे हैं? ये लोग पाकिस्तानी झंडे में क्यों लिपटे?”

पाकिस्तान फैला रहा झूठा प्रचार

विक्रम मिसरी ने साफ कहा कि पाकिस्तान पीओके में डैम को निशाना बनाने का झूठा दावा कर रहा है, ताकि वह भारत पर पलटवार करने का बहाना बना सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाता है, तो भारत उचित जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा।

पाक की पुरानी आदत, सबूतों को नकारना

मिसरी ने यह भी कहा कि भारत ने पहले पठानकोट हमले में पाकिस्तानी जॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम को पूरी जांच में सहयोग दिया था। हमले की जगह, डीएनए, आतंकियों के पते और जैश के लीडर्स की जानकारी दी गई थी, लेकिन पाकिस्तान ने उस जांच का इस्तेमाल भी आतंकियों को बचाने और भारत को बदनाम करने के लिए किया। अब भारत को ऐसे संयुक्त जांचों में कोई भरोसा नहीं है।

पाकिस्तान: ग्लोबल टेररिज्म का केंद्र

विदेश सचिव ने पाकिस्तान को ग्लोबल टेररिज्म का एपिसेंटर बताते हुए कहा कि दुनियाभर की एजेंसियां इस बात की पुष्टि कर चुकी हैं कि वहां से आतंकी गतिविधियों को समर्थन मिलता है। उन्होंने ओसामा बिन लादेन को ‘शहीद’ कहने और साजिद मीर जैसे आतंकियों की फर्जी मौत की खबरें फैलाने को भी पाकिस्तान की रणनीति बताया। हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा और पूर्व विदेश मंत्रियों ने खुद भी आतंकियों से संबंध स्वीकारे हैं।

UN को सौंपी जानकारी, टीआरएफ पर भी खुलासा

मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन है। भारत ने इस संबंध में पहले ही संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी थी, और अब फिर से मीटिंग कर आगे की जानकारी साझा की जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि जब UNSC ने बैठक की बात की, पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम लेने का विरोध किया, जो इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान इन संगठनों के पीछे है।

पाक ने LoC पर गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, “पाकिस्तान ने LoC के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा पर अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। भारत को पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और आर्टिलरी की गोलीबारी को रोकने के लिए जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारतीय सशस्त्र बल गैर-वृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, बशर्ते कि इसका पाकिस्तानी सेना द्वारा सम्मान किया जाए।”

भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश

कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि भारत ने पहले ही पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि यदि भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया तो उचित जवाब दिया जाएगा। बावजूद इसके 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत के कई शहरों जैसे श्रीनगर, पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, भुज, चंडीगढ़ आदि में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इन सभी हमलों को इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया। मलबा अब कई जगहों से बरामद हो चुका है, जो हमले का साफ सबूत है।

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