
इस्लामाबाद। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का कड़ा जवाब दिया है। बुधवार तड़के भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इस कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई है और उसके पंजाब प्रांत में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है।
एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में खलबली
भारतीय वायुसेना ने बीती रात करीब डेढ़ बजे बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद समेत कई आतंकी अड्डों को निशाना बनाया। पाकिस्तान की सेना ने खुद स्वीकार किया है कि इस हमले में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 46 से ज्यादा घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर आतंकी बताए जा रहे हैं।
घटना के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने पूरे प्रांत में आपातकाल (Emergency) घोषित कर दिया। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि सभी शैक्षणिक संस्थानों को बुधवार के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द, राहत टीमों को अलर्ट पर रखा गया
पाकिस्तान सरकार ने सभी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है। सिविल डिफेंस सहित सभी राहत और बचाव विभागों को सतर्क किया गया है ताकि हमले के बाद राहत कार्यों में कोई बाधा न आए।
पाकिस्तान का पलटवार, चुनिंदा समय और स्थान पर जवाब देंगे
भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी सख्त लहजे में बयान जारी किया है। बुधवार को नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) की आपात बैठक हुई, जिसमें भारत की स्ट्राइक को “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बताया गया।
पाक पीएमओ ने कहा- “हम अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करेंगे। हमारे पास अपने चुने हुए समय और स्थान पर जवाब देने का अधिकार है।” रिपोर्ट्स के अनुसार, पाक सेना को पलटवार की पूरी छूट दे दी गई है।
भारत ने दिए संकेत, आतंक का समर्थन अब नहीं बर्दाश्त
भारत सरकार ने साफ किया है कि आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है। ऑपरेशन सिंदूर में जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे लंबे समय से भारत में आतंक फैलाने की साजिश रचने वाले संगठनों से जुड़े थे। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन की योजना खुफिया एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों की महीनों की निगरानी के बाद बनाई गई थी।