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आरोग्य भारती की पहल पर अब ‘वन नेशन वन हेल्थ सिस्टम’

राजीव सोनी-भोपाल। कोविड के दौरान देश भर में अपने समर्पित सेवा कार्यों से सुर्खियों में आए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषांगिक संगठन आरोग्य भारती की पहल पर अब देश में ‘वन नेशन वन हेल्थ सिस्टम/ पॉलिसी’ लागू करने की तैयारी है। नई चिकित्सा नीति का खाका तैयार हो रहा है। इसके लिए नीति आयोग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, आरोग्य भारती, वरिष्ठ चिकित्सकों सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधि कई दौर की चर्चा कर चुके हैं। इसमें ऐलोपैथी के साथ अन्य सभी पैथियों के समन्वय से सस्ती और सरल स्वदेशी चिकित्सा पद्धति विकसित की जाएगी।

नई पॉलिसी लागू करने के पहले पब्लिक अवेयरनेस बढ़ाने मुहिम चलाने का प्लान बन रहा है। पर्दे के पीछे रहकर इस क्रांतिकारी बदलाव की जमीन तैयार करने में जुटे आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं संघ के प्रचारक डॉ. अशोक वार्ष्णेय का कहना है कि हमारे पास स्किल्ड डॉक्टर्स की टीम और संसाधन हैं। बस दृढ़ इच्छा शक्ति और समन्वय के साथ काम शुरू करने की देर है। पेश हैं डॉ. वार्ष्णेय से हुई चर्चा के अंश…

देश में नई चिकित्सा नीति जल्द, मप्र में टास्क फोर्स

  • सवाल: ‘वन नेशन वन हेल्थ सिस्टम’ कॉन्सेप्ट अब किस स्थिति में है?
  • जवाब : आज देश को इसकी सख्त जरूरत है। इसमें सभी चिकित्सा पद्धतियों की खूबियों के समन्वय पर जोर है। जल्दी ही इसे लागू किया जाएगा।
  • सवाल: जनता को इससे क्या लाभ ?
  • जवाब : इंटीग्रेटेड हेल्थ पॉलिसी से मरीजों को फास्ट रिकवरी और सस्ती चिकित्सा मिलेगी।
  • सवाल: अब तक कितना काम हुआ?
  • जवाब : नेशनल हेल्थ पॉलिसी पर 2017 से काम चल रहा है। 2020 से नीति आयोग भी प्रयासरत है। देश के करीब 80 प्रसिद्ध प्लूरोपैथ (एक से अधिक चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञ) भी इस पर काम कर रहे हैं।
  • सवाल: मप्र सहित अन्य राज्यों में इसको लेकर क्या तैयारी है?
  • जवाब : मप्र सहित कई राज्यों के सीएम और राज्यपाल सहित अन्य अधिकारी आपस में लगातार संवाद कर रहे हैं।
  • सवाल: खासतौर पर मप्र में क्या तैयारी ?
  • जवाब : यहां भी चर्चा हुई है, मप्र सरकार ने टास्क फोर्स भी बनाया है।
  • सवाल: देश में होने वाले इस क्रांतिकारी बदलाव में आरोग्य भारती की क्या भूमिका है?
  • जवाब : हम लोग ऐसे किसी काम की क्रेडिट नहीं लेते। सुझाव सभी को देते हैं, राजनीति से कोई लेना-देना नहीं। सभी पैथियों के विशेषज्ञों को एक प्लेटफार्म पर ला रहे हैं। आरोग्य मंदिर और वेलनेस सेंटर भी खोल रहे हैं।
  • सवाल: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान (एम्स) जैसे संस्थान में भी यह चिकित्सा लागू होगी?
  • जवाब : हां बिल्कुल, एम्स में आयुष मेडिसिन विभाग खुल चुके हैं। बच्चों को प्रतिभाशाली और सबल बनाने स्वर्णप्रासन (स्वर्ण भस्म, गिलोय, निर्गुण्डी, शतावरी और अश्वगंधाअर्क) की दो बूंदें दे रहे हैं। इसके अच्छे रिजल्ट सबके सामने हैं।

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