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नीरव मोदी का भाई निहाल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार, PNB घोटाले में अहम भूमिका, उस पर सबूत मिटाने का आरोप

वॉशिंगटन। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में वांछित नीरव मोदी के सौतेले भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 4 जुलाई को हवाई प्रांत के होनोलूलू में हुई, जिसकी पुष्टि अमेरिकी न्याय विभाग ने की है। भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने निहाल के प्रत्यर्पण के लिए काफी पहले से अमेरिका से आग्रह किया था। अब इस गिरफ्तारी को भारत की एक बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है।

भारत की अपील पर हुई गिरफ्तारी

ED और CBI ने वर्ष 2021 में संयुक्त रूप से अमेरिका को निहाल मोदी के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा था। इससे पहले इंटरपोल ने 2019 में निहाल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था, जिसके बाद वह वैश्विक निगरानी सूची में आ गया था। सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी एजेंसियों को हाल ही में यह जानकारी मिली कि निहाल हवाई में रह रहा है। इसके बाद अमेरिका की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने भारत के आग्रह पर कार्रवाई करते हुए उसे 4 जुलाई को हिरासत में ले लिया। अब उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई 17 जुलाई को नेशनल डिस्ट्रिक्ट ऑफ होनोलूलू (NDOH) की अदालत में होगी।

कौन है निहाल मोदी

निहाल मोदी बेल्जियम के नागरिक हैं और अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रह रहे थे। वह नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड्स यूएसए में डायरेक्टर की भूमिका निभा चुके हैं। CBI और ED का आरोप है कि निहाल ने नीरव के साथ मिलकर 13,600 करोड़ रुपए के बहुचर्चित बैंक घोटाले को अंजाम दिया। जांच एजेंसियों का कहना है कि निहाल ने फर्जी कंपनियों के ज़रिए पैसे की हेराफेरी की और घोटाला सामने आने के बाद जानबूझकर डिजिटल और भौतिक सबूतों को नष्ट किया।

निहाल पर यह भी आरोप है कि उसने दुबई स्थित ऑफिस से मोबाइल फोन, कंप्यूटर सर्वर और अन्य दस्तावेज नष्ट कर दिए ताकि घोटाले से जुड़े सबूत मिटाए जा सकें। यही नहीं, निहाल ने कथित रूप से 6 मिलियन डॉलर मूल्य के हीरे, 50 किलो सोना और 3.5 मिलियन UAE दिरहम गायब किए थे। CBI का यह भी दावा है कि निहाल ने नीरव मोदी के कर्मचारियों और फर्जी कंपनियों के डमी डायरेक्टर्स को धमकाया और उन्हें भारत लौटकर जांच में शामिल होने से रोका।

निहाल की PNB घोटाले में क्या भूमिका थी

2018 में सामने आए PNB घोटाले में नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर आरोप लगा था कि उन्होंने PNB के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) बनवाकर 13,600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। ये रकम बाद में फर्जी कंपनियों के जरिए विदेशों में ट्रांसफर कर दी गई।

जांच में पता चला कि निहाल मोदी ने नीरव की दो फर्जी कंपनियों को संचालित किया, जिनमें अकेले 50 मिलियन डॉलर (लगभग 350 करोड़ रुपए) ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा, निहाल ने बाद में उन कंपनियों से जुड़े रिकॉर्ड, डिजिटल ट्रेस और डेटा डिलीट करवा दिए। उसने जांच एजेंसियों को गुमराह करने के लिए न केवल सबूत मिटाए, बल्कि कुछ गवाहों को धमकाकर उन्हें भी चुप रहने को मजबूर किया।

 

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