
आजकल साइबर स्कैमर यूपीआई यूजर्स को धोखा देने के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। अब उन्होंने स्कैम की एक नई तरकीब शुरू की है जिसे ‘जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम’ कहा जा रहा है। इस अनोखे स्कैम में लोग आसानी से फंस जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता कि उनके साथ फ्रॉड हो गया है।
कैसे होती है यह ठगी ?
- साइबर ठग पहले किसी व्यक्ति के बैंक खाते में यूपीआई के जरिए थोड़े पैसे भेजते हैं और इसके तुरंत बाद स्कैमर उसी पैसों को ‘विड्रॉल’ करने की रिक्वेस्ट भेज देते हैं।
- जब व्यक्ति को पैसे मिलने का मैसेज आता है, तो वह सबसे पहले अपना बैलेंस चेक करने के लिए यूपीआई ऐप खोलता है और PIN डालता है।
- लेकिन धोखेबाज तो पहले से ही पैसे निकालने की रिक्वेस्ट भेज चुके हैं, इसलिए जैसे ही आप PIN डालते हैं, वो रिक्वेस्ट अप्रूव हो जाती है और आपके खाते से सारे पैसे गायब हो जाते है।
स्कैम की कई शिकायतें दर्ज
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी इस स्कैम की कई शिकायतें दर्ज कराई गईं है साथ ही तमिलनाडु पुलिस ने इस स्कैम को लेकर एक अलर्ट जारी किया हैं कि अगर आपके खाते में भी यूपीआई के जरिए किसी अनजान आदमी ने पैसे भेजे हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।
खुद को बचाएं इस स्कैम से
- तुरंत बैलेंस चेक न करें
- अगर किसी अनजान नंबर से पैसे आए हैं, तो 15-30 मिनट तक इंतजार करें। इससे स्कैम रिक्वेस्ट अपने-आप खत्म हो जाएगी।
- जानबूझकर गलत PIN डालें
- अगर बैलेंस चेक करना जरूरी हो, तो पहले जानबूझकर गलत PIN डालें। इससे स्कैमर की रिक्वेस्ट फेल हो जाएगी।
अक्सर स्कैमर कहते हैं कि उन्होंने गलती से आपके खाते में पैसे भेज दिए हैं और अब वापस भेजने के लिए कहते हैं। वे फर्जी ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड भी दिखाते हैं। कभी भी ऐसे लोगों की बातों में न आए।
साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत करें
अगर UPI अकाउंट को लेकर कोई धोखाधड़ी नजर आती है या कोई स्कैम कॉल आता हैं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें और पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत करें। इस स्कैम से डरने की नहीं, बल्कि सजग और सावधान रहने की जरूरत है।
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