
नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने शनिवार को गाडरवाड़ा में की। मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी की किताबें न केवल प्रमाणिक (ऑथेंटिक) होती हैं, बल्कि इनकी कीमत भी किफायती होती है। इस फैसले को नई शिक्षा नीति के तहत लागू किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत लिया फैसला
शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि इस कदम से छात्रों को एक मजबूत और प्रमाणिक शिक्षा मिलेगी, जो उनकी समग्र विकास में मददगार होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि CBSE से संबद्ध स्कूलों को अपने निर्धारित मापदंडों के तहत कुछ स्थानीय किताबें शामिल करने की छूट दी जाएगी, लेकिन इन स्कूलों को भी एनसीईआरटी की किताबों का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
एनसीईआरटी की किताबों से होगा फायदा
शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी की किताबों के कई फायदे बताए। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों में तयशुदा सिलेबस होता है, जिससे छात्रों को एक स्पष्ट और व्यवस्थित पाठ्यक्रम मिलता है। साथ ही, यह किताबें अन्य पुस्तकों की तुलना में सस्ती भी होती हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए यह एक राहत का उपाय बनता है।
सख्ती से होगा पालन
राव उदय प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि सरकार इस निर्णय का सख्ती से पालन कराएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सोच के अनुसार, राज्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीबीएसई स्कूलों को स्थानीय जरूरतों के अनुसार कुछ किताबों का समावेश करने की अनुमति दी गई है, लेकिन एनसीईआरटी की किताबें सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से लागू की जाएंगी।
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