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2 अप्रैल को लोकसभा में पेश हो सकता है वक्फ संशोधन बिल, रिजिजू ने दी जानकारी, शाह बोले- इस सत्र में आएगा बिल

वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। सरकार इस सत्र में ही इसे पेश करने की तैयारी कर रही है, क्योंकि बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त होगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार बिल को सदन में लाने की तैयारी कर रही है और इस पर संसद के बाहर भी व्यापक विचार-विमर्श हुआ है। उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि वे लोगों को गुमराह न करें। रिजिजू ने यह भी कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस बिल पर ऐतिहासिक परामर्श प्रक्रिया पूरी की है। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग भोले-भाले मुसलमानों को भ्रमित कर रहे हैं कि यह बिल उनकी संपत्ति और अधिकार छीनने के लिए लाया जा रहा है। बता दे कि गृह मंत्री अमित शाह ने भी 29 मार्च को इस बिल को पेश की जाने की बात कही थी।  

बिल के विरोध में मुस्लिम समाज का प्रदर्शन

वहीं ईद के मौके पर देशभर में कई मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध जताया। कई जगह नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समाज के लोग वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टियां बांधकर पहुंचे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने 28 मार्च को सबसे ऐसा करने की अपील की थी। बोर्ड का कहना था कि हर मुसलमान की जिम्मेदारी है कि वह इस बिल का विरोध करे।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जारी किए गए लेटर में लिखा था- वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर विरोध करना देश के हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। सभी मुसलमान नमाज के लिए मस्जिद जाते समय काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध दर्ज कराए।

वर्तमान में 32 वक्फ बोर्ड मौजूद 

वर्तमान में भारत में 32 वक्फ बोर्ड है, जो वक्फ की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन और प्रबंधन करते हैं। सरकार के मुताबिक, देश में 7.8 लाख से ज्यादा वक्फ की अचल संपत्तियां हैं, जिनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हैं। 2022 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने बताया कि वक्फ बोर्ड के पास करीब 9.4 लाख एकड़ भूमि है, जिसकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपए है।

1954 में संसद ने बनाया वक्फ एक्ट

1954 में संसद ने वक्फ एक्ट बनाया, जिसके तहत वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई, ताकि वक्फ में दी गई जमीन और संपत्तियों की देखरेख हो सके। 1947 में देश के विभाजन के बाद बड़ी संख्या में मुसलमान पाकिस्तान चले गए, जबकि कई हिंदू भारत आए। इसके बाद, इस कानून के जरिए पाकिस्तान जाने वाले लोगों की संपत्तियों का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड को दे दिया गया। 1955 में इसमें संशोधन कर हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान किया गया। 

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