
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में एक अहम बैठक की। इस मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
CBI के मौजूदा डायरेक्टर प्रवीण सूद 25 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में नए प्रमुख के नाम को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
कौन है मौजूदा CBI चीफ प्रवीण सूद
प्रवीण सूद कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के IPS अधिकारी हैं। वे मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से हैं। उनके पिता ओम प्रकाश सूद दिल्ली सरकार में क्लर्क थे, और मां कमलेश सूद दिल्ली के सरकारी स्कूल में टीचर थी।
उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और फिर IIT दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B.Tech किया। 22 साल की उम्र में वे IPS बने और उन्हें कर्नाटक कैडर मिला। इसके बाद उन्होंने IIM बेंगलुरु से पब्लिक पुलिस मैनेजमेंट में MBA भी किया।
सूद ने बेल्लारी और रायचुर में SP के रूप में और बेंगलुरु व मैसूरु में DCP के तौर पर कार्य किया।
- 1996 में उन्हें CM गोल्ड मेडल मिला
- 2002 में मिला पुलिस पदक
- 2011 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक
- जून 2020 में बने थे कर्नाटक के DGP
- मई 2023 में बनाए गए CBI डायरेक्टर
ऐसे होता है CBI डायरेक्टर का चयन
CBI प्रमुख की नियुक्ति एक तीन सदस्यीय समिति करती है, जिसमें प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल होते हैं। समिति द्वारा नाम फाइनल किए जाने के बाद गृह मंत्रालय से निर्देश आते हैं और फिर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) नियुक्ति का आदेश जारी करता है।
CBI डायरेक्टर का कार्यकाल सिर्फ 2 साल
CBI प्रमुख का कार्यकाल केवल दो साल का होता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में यह निर्देश दिया था कि जिन अधिकारियों की रिटायरमेंट में छह महीने से कम समय बचा है, उन्हें CBI चीफ नहीं बनाया जा सकता।
साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा था कि CBI डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल से कम नहीं हो सकता और बिना चयन समिति की सहमति के उनका ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। CBI के कार्यकाल से संबंधित यह नियम सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट 2003 के तहत निर्धारित किया गया है।