
दिल्ली की 16 साल की नाबालिग के साथ रेप करने और उसे गर्भवती करने के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने 45 वर्षीय आरोपी को सजा उम्र कैद की सजा सुनाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने सिर्फ 20 दिनों में ही इस केस पर फैसला सुनाया और कहा कि दोषी को जिंदगी भर जेल में रहना होगा। बता दे कि यह मामला POCSO एक्ट की धारा 6 के तहत दर्ज हुआ था। इसके साथ कोर्ट ने पीड़ित को 19.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
इसके साथ कोर्ट का कहना है कि आरोपी ने नाबालिग का यौन शोषण तब शुरू किया था, जब वह सिर्फ 16 साल की थी।
पीड़ित और आरोपी के बीच 30 साल का फर्क
एडिशनल सेशन जज (ASJ) बबीता पुनिया ने कहा- दोनों के बीच करीब 30 साल का फर्क था। इतनी बड़ी उम्र का अंतर इस मामले को और ज्यादा गंभीर बनाता है। मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि पीड़ित बच्ची ने बहुत कष्टदायक पीड़ा सहन की होगी।
दरअसल, दोषी पीड़ित के पिता का जानकार था और वह उसे चाचा कहकर बुलाती थी। उसने बच्ची से कई बार रेप किया और प्रेग्नेंट कर दिया।
कोर्ट बोला- दर्द की भरपाई पैसे से नहीं हो सकती
अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा, ‘दोषी की वजह से पीड़िता को बहुत मेंटल ब्रेकडाउन और तकलीफ का सामना करना पड़ा। हो सकता है कि वो अभी भी उस दर्द से जूझ रही हो। हालांकि, उसके दर्द की भरपाई पैसे से नहीं हो सकती। लेकिन ये मुआवजा उसे पढ़ाई या कोई हुनर सीखने में मदद करेगा, जिससे वो आगे चलकर अपने पैरों पर खड़ी हो सके।’
आगे कोर्ट ने कहा, ‘उसे मानसिक तकलीफ के लिए 2 लाख रुपए और गर्भावस्था के लिए 4 लाख रुपए दिए जाएंगे।’
कैसे हुआ मामले का खुलासा
25 फरवरी 2025 को पीड़िता को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया। जांच के दौरान पता चला कि वह लेबर पेन में है और उसी दिन उसने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दी और निहाल विहार थाने में FIR दर्ज हुई।
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