
फ्लोरिडा। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने 14 दिन के अंतरिक्ष मिशन के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आई हैं। उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी इस मिशन में शामिल थे। दोनों अंतरिक्ष यात्री 5 जून 2024 को नासा और बोइंग के संयुक्त अभियान के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे। हालांकि, तकनीकी दिक्कतों के कारण उनकी वापसी में अनुमान से अधिक समय लग गया।
कैसे हुआ सफलतापूर्वक लैंडिंग
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार 19 मार्च 2025 की रात 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक लैंड हुआ। उनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी हैं। इसके बाद वहां पहले से मौजूद सेफ्टी टीम ने रिकवरी शिप के जरिए एक-एक कर चारों अंतरिक्षयात्रियों को यान से बाहर निकाला। इस दौरान सबसे पहले क्रू-9 मिशन के कैप्टन निक हेग, रूस के अंतरिक्षयात्री एलेक्जेंडर गोर्बुनोव, सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मर बाहर आए। नासा की मेडिकल टीम ने अंतरिक्षयात्रियों की प्रारंभिक जांच की। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण शरीर पर प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया।
कैप्सूल से बाहर आते ही मुस्कुराई सुनीता
सुनीता विलियम्स को ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाला गया। यह वह पल था, जब सुनीता विलियम्स ने नौ महीने बाद पहली बार ग्रैविटी (Gravity) को महसूस किया। इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी दिख रही थी। उन्होंने हाथ हिलाकर वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया।
ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकलकर सीधे स्ट्रैचर पर बैठने के दौरान उन्होंने नौ महीने बाद पहली बार पृथ्वी की ग्रैविटी महसूस की। इस दौरान वह अपने पैरों पर कुछ सेकंड के लिए खड़ी हुईं लेकिन लंबे समय से ग्रैविटी में नहीं रहने की वजह से वह संतुलन नहीं बना पा रही थी, जिस वजह से उन्हें दो लोगों ने उठाकर स्ट्रैचर पर बैठाया।
स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में लगे17 घंटे
बता दें कि ये चारों एस्ट्रोनॉट मंगलवार (18 मार्च) को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए थे। स्पेसक्राफ्ट के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था। इस दौरान करीब 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा यानी यान से संपर्क नहीं रहा। ड्रैगन कैप्सूल के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे। 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे स्पेसक्राफ्ट का हैच हुआ, यानी दरवाजा बंद हुआ। 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग हुआ। 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ।
मिशन की चुनौतियां और देरी
इस मिशन के तहत दोनों को मात्र 8 दिनों के लिए ISS भेजा गया था, लेकिन स्टारलाइनर कैप्सूल में आई तकनीकी खामियों के कारण उनकी वापसी में देरी हुई। यह मिशन बोइंग द्वारा विकसित स्टारलाइनर कैप्सूल की पहली मानवयुक्त उड़ान थी, जो नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा था। हालांकि, तकनीकी खामियों को ठीक करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस मिशन को कई बार स्थगित किया गया।
विल्मोर और विलियम्स ने अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए
दोनों अंतरिक्षयात्री 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू यान में सवार होकर अंतरिक्ष में गए थे और उनके एक सप्ताह बाद ही लौटने की उम्मीद थी। अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में इतनी सारी समस्याएं आईं कि नासा को अंततः स्टारलाइनर को खाली वापस धरती पर लाना पड़ा और अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी में देरी हुई। विल्मोर और विलियम्स ने अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए।
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