
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा जबलपुर में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के एक कार्यक्रम में दिए गए अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। विपक्ष द्वारा उन पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाया गया, जिसके बाद अब देवड़ा ने खुद सामने आकर सफाई दी है।
उन्होंने कहा कि उनका बयान भारतीय सेना के सम्मान में था, लेकिन कुछ लोगों ने उसे गलत संदर्भ में पेश कर बेवजह का विवाद खड़ा कर दिया।
देश की सेना के चरणों में नतमस्तक है पूरा देश – देवड़ा का पक्ष
डिप्टी सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने स्पष्ट रूप से कहा था कि जो जवान देश की रक्षा कर रहे हैं, उनके चरणों में पूरा देश नतमस्तक है। लेकिन इस बात को मीडिया के कुछ वर्गों ने तोड़-मरोड़कर दिखाया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी।
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देवड़ा ने यह भी कहा कि वे हमेशा सेना का सम्मान करते आए हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे। उन्होंने खुद को देशभक्त बताते हुए कहा कि सेना और सुरक्षाबलों के प्रति उनकी भावना पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।
गलत प्रस्तुतीकरण हो सकती है साजिश!
डिप्टी सीएम ने अपने बयान के तोड़-मरोड़ को एक साजिश की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि मेरे बयान को जिस तरह से गलत तरीके से चलाया गया, वह किसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है। मैं ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।
उन्होंने साफ किया कि उन्होंने सेना प्रधानमंत्री मोदी के चरणों में नतमस्तक है, ऐसा नहीं कहा; बल्कि कहा कि देश की जनता सेना के चरणों में नतमस्तक है।
कांग्रेस ने बताया ‘सेना का अपमान
इस बयान को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। पार्टी ने कहा कि सेना का राजनीतिक इस्तेमाल और उनके शौर्य को नेता के चरणों में नतमस्तक बताना बेहद शर्मनाक है।
कांग्रेस नेताओं ने देवड़ा के इस्तीफे और माफी की मांग की थी। सोशल मीडिया पर भी भाजपा के इस बयान को लेकर काफी आलोचना हुई।
विजय शाह के बयान के बाद दूसरा झटका बीजेपी को
यह विवाद ऐसे समय पर खड़ा हुआ है, जब मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह पहले ही महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान के कारण घिरे हुए हैं। ऐसे में देवड़ा का बयान भाजपा के लिए दूसरा बड़ा राजनीतिक झटका बन गया है।
बीजेपी डैमेज कंट्रोल और विपक्ष मुद्दा भुनाने में जुटा
डिप्टी सीएम की सफाई के बाद भाजपा अब इस विवाद को जल्द निपटाने की कोशिश में है ताकि चुनावी माहौल में पार्टी की छवि प्रभावित न हो। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को ‘सेना के सम्मान’ से जोड़कर जनता के बीच ले जाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।