
मुंबई पुलिस के पोर्ट जोन में तैनात डीसीपी सुधाकर पठारे की सड़क दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई। वह हैदराबाद में ट्रेनिंग के लिए गए थे और ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए यात्रा कर रहे थे, जब यह हादसा हुआ। इस दुर्घटना में उनके रिश्तेदार की भी मौत हो गई। मुंबई पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई, जिससे पूरे महाराष्ट्र पुलिस विभाग में शोक का माहौल है।
तेलंगाना में हुआ दर्दनाक हादसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुधाकर पठारे तेलंगाना के श्रीशैलम से नगरकुरनूल की ओर जा रहे थे, तभी उनकी कार एक ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि मौके पर ही उनकी और उनके रिश्तेदार की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हादसा 29 मार्च की सुबह हुआ, जब वे धार्मिक यात्रा पर थे। आने वाले कुछ दिनों में सुधाकर पठारे का DIG के तौर पर प्रमोशन होने वाला था।
2011 बैच के IPS अधिकारी थे सुधाकर पठारे
सुधाकर पठारे 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहे। वे मुंबई पुलिस बल का एक अहम हिस्सा थे और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी अकस्मात मृत्यु ने पुलिस विभाग को गहरे दुख में डाल दिया है।
प्रतियोगी परीक्षा से अधिकारी बनने तक का सफर
- मूल रूप से अहमदनगर जिले के वलवाने गांव के निवासी सुधाकर पठारे ने एक लंबा संघर्ष किया और अपने करियर में कई मुकाम हासिल किए।
- उन्होंने एमएससी (एग्रीकल्चर) और एलएलबी की पढ़ाई की थी।
- 1995 में प्रतियोगी परीक्षा पास कर वे जिला विशेष लेखा परीक्षक बने।
- 1996 में सेल्स टैक्स ऑफिसर (क्लास 1) के रूप में चयन हुआ।
- 1998 में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) बने और पुलिस विभाग में शामिल हुए।
कई महत्वपूर्ण पदों पर निभाई जिम्मेदारी
अपने करियर के दौरान सुधाकर पठारे ने महाराष्ट्र के कई जिलों में सेवा दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पंढरपुर, अकलुज, कोल्हापुर शहर, और राजुरा में पुलिस उपाधीक्षक के रूप में कार्य किया।
इसके अलावा, उन्होंने चंद्रपुर, वसई और अमरावती में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। मुंबई, ठाणे, पुणे, वाशी, नवी मुंबई, और ठाणे शहर में पुलिस उपायुक्त (DCP) के रूप में भी कार्यरत रहे।
महाराष्ट्र पुलिस विभाग में शोक की लहर
सुधाकर पठारे के निधन से महाराष्ट्र पुलिस विभाग में गहरा शोक व्याप्त है। वे न केवल एक बेहतरीन पुलिस अधिकारी थे, बल्कि महाराष्ट्र पुलिस के विभिन्न कार्यक्रमों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहते थे। उनके असमय निधन को पुलिस विभाग और उनके सहयोगियों ने बड़ी क्षति बताया है।
उनकी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासनप्रियता हमेशा याद रखी जाएगी। महाराष्ट्र पुलिस के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है।