
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को कैबिनेट का विस्तार किया। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए रामनिवास रावत को 2 बार मंत्री पद की शपथ लेनी पड़ी। उन्हें राजभवन में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेनी थी। उन्होंने सुबह करीब 9.03 बजे गलती से बतौर राज्यमंत्री शपथ ले ली। जिसके बाद उनको करीब 9.18 बजे फिर कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई।शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत कई मंत्री शामिल हुए।
पहले राज्यमंत्री… फिर कैबिनेट मंत्री के तौर पर ली शपथ
पहली बार शपथ लेने का वीडियो…
दूसरी बार शपथ लेने का वीडियो…
शपथ में कैसे हो गई गलती
दरअसल, रामनिवास रावत को बतौर कैबिनेट मंत्री की ही शपथ लेनी थी। उन्हें जो पत्र दिया गया था उनमें राज्य के मंत्री लिखा था, लेकिन शपथ लेते समय गलती से उन्होंने उसे राज्य मंत्री पढ़ लिया। इस वजह से उनकी शपथ राज्यमंत्री के तौर पर दर्ज हो गई। जिसके बाद दूसरी बार ‘मध्य प्रदेश राज्य के मंत्री’ बुलवाकर शपथ दिलवाई गई। दोबारा शपथ लेने के बाद वे कैबिनेट मंत्री हो गए।
CM ने रामनिवास रावत को दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि, मंत्रिमंडल में नए सदस्य का आगमन हुआ है। रावत सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहे सक्रिय हैं, वे चंबल अंचल के श्योपुर जैसे विकास की संभावना वाले जिले को प्रभावी प्रतिनिधित्व प्रदान कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री होने के नाते उनके अनुभव का लाभ पूरे मंत्रिमंडल और सभी प्रदेशवासियों को मिलेगा। देखें वीडियो…
विधानसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा
रामनिवास रावत की शपथ लेने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने X पर लिखा था कि, “कांग्रेस के एक विधायक को बीजेपी सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। यह संविधान का अपमान है।”… इसके बाद सोशल मीडिया पर खबर आई कि रावत ने कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने से पहले ही कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा सचिवालय को भेज दिया था। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से 6 बार के विधायक रावत ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले 30 अप्रैल को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था, लेकिन तब उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था। इसे लेकर कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर को भी इसकी शिकायत भी की थी।
मंत्रिमंडल में 3 मंत्रियों की जगह खाली
मोहन मंत्रिमंडल में अब कुल मंत्रियों की संख्य 31 हो गई है। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 3 पद अब भी खाली हैं।
कांग्रेस में 6 बार के विधायक रहे रावत
श्योपुर की विजयपुर सीट से रामनिवास रावत 6 बार के कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव से पहले 30 अप्रैल 2024 को उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से वे नाराज थे। रामनिवास रावत मुरैना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को टिकट दे दिया था। राहुल गांधी ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन कर ली।
प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बनाने वाले रामनिवास ओबीसी नेता के रूप में बड़ा चेहरा हैं। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
25 दिसंबर 2023 को हुआ था पहला विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर 2023 को आए थे। जिसके 8 दिन बाद 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद पर डॉ. मोहन यादव और दो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, जगदीश देवड़ा का चयन किया गया। इसके 2 दिन बाद 13 दिसंबर को डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। वहीं 12 दिन बाद 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। 18 विधायकों को कैबिनेट और 10 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी। इसके 5 दिन बाद 30 दिसंबर को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया गया।
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