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MP-CG: दस साल में 125% बढ़ गया टैक्स वसूली का टास्क

आयकर का खुफिया तंत्र कर रहा बड़े ट्रांजेक्शन की मॉनिटरिंग, इस साल 37 हजार 300 करोड़ की वसूली का टारगेट

राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में इस बार आयकर वसूली के लिए विभाग को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग के मप्र-छग रीजन को 37 हजार 300 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट दिया है। यह अब तक का सबसे बड़ा टास्क है, पिछले साल की तुलना में इसमें करीब 6 हजार करोड़ की बढ़ोतरी है जबकि 10 साल में यह वृद्धि 125 फीसदी से अधिक है।

टैक्स वसूलने के लिए विभाग ने अपना शक्तिशाली खुफिया सूचना तंत्र तैयार कर लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कई ऐलान किए हैं। 2023- 24 की शुरुआत में टारगेट कम था जिसे दो हजार करोड़ बढ़ाकर 31 हजार 800 करोड़ कर दिया गया। इसके बावजूद विभाग ने टारगेट से ज्यादा वसूली का आंकड़ा 33 हजार 332 करोड़ तक पहुंचा दिया।

आईटी के पास सबकी कुंडली

विभागीय सूत्रों का कहना है कि विभाग के पास हर व्यक्ति के हिसाब-किताब की कुंडली मौजूद है। आयकर के पास वित्तीय लेनदेन और कालेधन का पता लगाने के लिए खुफिया सूचना तंत्र के अलावा और भी कई स्त्रोत मौजूद हैं। इनमें इंटेलीजेंस एंड क्रिमनल इन्वेस्टीगेशन (आईएंडसीआई) की प्रमुख भूमिका है। विभाग की एनुअल इनफार्मेशन रिपोर्ट (एआईआर) में बैंकों के बड़े लेनदेन के अलावा ज्वेलरी सहित मार्केट में हो रही महंगी खरीदारी का हर दिन का रिकार्ड अपडेट हो रहा है।

विदेश यात्रा, बड़े ट्रांजेक्शन और खरीदारी पर नजर

विदेश यात्रा, बैंकों के बड़े ट्रांजेक्शन, महंगी ज्वेलरी और गाड़ियों के अलावा प्रापर्टी खरीद-फरोख्त की जानकारी भी इस रिपोर्ट में दर्ज हो रही है। इन सूचनाओं की समीक्षा से विभाग नए करदाताओं की लिस्ट भी तैयार होती है। होमवर्क पूरा करने के बाद ब्लैक मनी और टैक्स चोरी के संकेत मिलते ही आयकर अपनी छापामार कार्रवाई शुरू कर देता है।

कोयला कंपनियों के मुनाफे में कमी से घटा टैक्स

सीबीडीटी ने 2015 में मप्र-छग को 14 हजार 700 करोड़ का टारगेट सौंपा था जो पूरा नहीं हो पाया। इसके पीछे बताया गया कि कोयला कंपनियों के मुनाफा कम हुआ जिससे टैक्स भी घट गया। अगले साल टारगेट में करीब 3 हजार करोड़ की बढ़ोतरी कर दी गई। 2017 में 19 हजार 237 करोड़ इसके साल भर बाद यह राशि बढ़ाकर 22 हजार करोड़ कर दी गई लेकिन वसूली कुछ कम रह गई।

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