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MP Budget Session 2023 : हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च तक के किए स्थगित, स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई कांग्रेस

भोपाल। विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को भारी हंगामे के चलते 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र के पांचवें दिन स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर किताब फेंककर मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, हम उनके खिलाफ अवमानना प्रस्ताव लाएंगे।

अवमानना प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर किताब फेंककर मारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, आज अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर दिया। मैं स्पीकर गिरीश गौतम से पूछ रहा था कि इस पर चर्चा कब तक होगी? इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, हम संसदीय कार्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे। इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है।

मैंने किताब नहीं मारी : नरोत्तम मिश्रा

नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, नरोत्तम मिश्रा बोले- मेरे सामने चपरासी आ गया था। उसे हटाने के लिए मैंने किताब से इशारा किया जो मेरे हाथ से फिसल गई थीं। मैंने गलती होने पर माफ़ी भी मांगी थी। कांग्रेस ने तो जान बूझकर किताब फाड़कर फेंकी।

नरोत्तम मिश्रा को निलंबित करने की उठी मांग

कांग्रेस विधायकों ने कहा- अध्यक्ष जी, आप तत्काल नरोत्तम मिश्रा को निलंबित करें। उन्होंने आपके सामने अवमानना की है। संसदीय कार्य मंत्री के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया। उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित करें। इस तरह की गुंडागर्दी अब तक मध्य प्रदेश के सदन में नहीं हुई।

अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा- जीतू पटवारी ने खेद नहीं व्यक्त किया। इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है। नरोत्तम ने कहा कि, हम सार्थक चर्चा के लिए तैयार हैं। विपक्ष हंगामा कर सदन नहीं चलने देना चाहता है।

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सदन में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पत्र पर कहा की 11 बजे तक देनी थी सूचना। लेकिन यह बाद में दी गई। सदस्यों की संख्या भी कम थी।

सरकार की ढाल बन जाते हैं अध्यक्ष : डॉ. गोविंद सिंह

अध्यक्ष जी ने एक तरफा कार्य किया, सत्तापक्ष के लोग विपक्ष की आवाज दबा रहे हैं। हमारी पार्टी के सदस्य जीतू पटवारी को निलंबित किया। विधानसभा में प्रश्नों के जवाब नहीं दिए जा रहे। जहां सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर फंसती है, अध्यक्ष जी उनकी ढाल बन जाते हैं: डॉ. गोविंद सिंह, नेता प्रतिपक्ष

नरोत्‍तम ने कमलनाथ पर कसा तंज

उधर, सदन की कार्यवाही स्‍थगित होने के दौरान संसदीय कार्यमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा ने सदन से बाहर आकर मीडियाकर्मियों से बातचीत में इस अविश्‍वास प्रस्‍ताव को लेकर तंज किया। उन्‍होंने कहा कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर पीसीसी चीफ कमलनाथ के हस्ताक्षर नहीं है। आधे विधायको के भी हस्ताक्षर नहीं है प्रस्ताव में। बेचारे जीतू पटवारी को कांग्रेस ने अकेला छोड़ा। जीतू पटवारी मामले में कांग्रेस की हालत शोले फिल्म की तरह हुई, आधे इधर जाओ.. आधे उधर जाओ… बाकी मेरे पीछे आओ।

संसदीय कार्य मंत्री ने जीतू पटवारी से बड़ा अपराध किया

बीजेपी की सरकार चाहती है की इनके भ्रष्टाचार नहीं खुलें। जीतू पटवारी ने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया। वही जवाब पटल पर रखा जो विधानसभा में सरकार ने दिया था। इनकी सदन को चलाने की परंपरा नहीं रही है। संसदीय कार्यमंत्री ने सदन में किताब फेंकी यह बहुत गलत कृत्य किया गया है। यह जीतू पटवारी से बड़ा अपराध है। नरोत्तम मिश्रा ने सदन की धज्जियांं उड़ा दी। देश में आज तक किसी संसदीय कार्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया : डॉ गोविंद सिंह, नेता प्रतिपक्ष

स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई कांग्रेस

मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा के पीएस एपी सिंह को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी। इसमें 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। विधानसभा अध्यक्ष पर सत्तापक्ष के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप है। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल स्थगित कर दिया है। कार्यवाही शुरू होेने पर अगर अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में भारी हंगामे के आसार हैं।

मीडिया की आवाज दबा रही सरकार: कुणाल चौधरी

भाजपा सरकार शेर देकर बंदर और छिपकलियां लेकर आई। जब मीडिया ने इस बात को उठाया तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज दबाने के लिए मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया : कुणाल चौधरी, कांग्रेस विधायक

विधानसभा में आज मीडिया पर पाबंदी लगा दी गई थी। पुलिस ने बैरिकेड लगाकर मीडिया को रोक दिया था। पुलिसकर्मियों का कहना था कि, स्पीकर ने आदेश दिया था कि जहां बाइट होती है, उस कक्ष के अलावा कहीं और कवरेज नहीं किया जाएगा। पत्रकारों के धरने और भारी हंगामे के बाद विश्वास सारंग ने विधानसभा अध्यक्ष से बात की। जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैरिकेड हटाए और फिर मीडियाकर्मी अनुमति दी गई।

जीतू पटवारी को विधानसभा के बजट सत्र की बाकी अवधि तक सस्पेंड किए जाने पर कांग्रेस बिफरी हुई है। गुरुवार को स्पीकर द्वारा पटवारी के निलंबन का फैसला सुनाए जाने के बाद कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया और नारेबाजी भी की। कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि- भाजपा लोकतंत्र का गला घोंट रही है। इसी को लेकर सदन में कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। वहीं इसको लेकर नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि, कांग्रेस उसी दिशा में बढ़ रही है की उसे दूरबीन लेकर ढूँढना पड़ेगा।

कांग्रेस को दूरबीन लेकर ढूँढना पड़ेगा: नरोत्तम मिश्रा

कांग्रेस की अविश्वास प्रस्ताव वाली बात पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, मैं कमलनाथ के ज्ञान पर प्रश्न नहीं उठा सकता। अध्यक्ष की भूमिका निलंबित करने पर आंशिक थी। संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका थी। मैं कमलनाथ की समझ पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगा रहा हूं। कांग्रेस उसी दिशा में बढ़ रही है की उसे दूरबीन लेकर ढूँढना पड़ेगा। जीतू पटवारी को विधानसभा परिसर में घुसने का मौक़ा मिलेगा। इस सवाल पर कहा की- यह अध्यक्ष जी का विशेषाधिकार है, मैं उसे भंग नहीं करना चाहता।

कमलनाथ ने विधायकों के साथ की बैठक

जीतू पटवारी के निलंबन को लेकर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को अपने आवास पर कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की। इसमें कमलनाथ ने पटवारी के निलंबन को गलत बताया है। बैठक में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, एनपी प्रजापति और पीसी शर्मा समेत कई विधायक मौजूद हैं। इसके बाद कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फेंस कर मीडियों को बताया कि स्पीकर के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए : कमलनाथ

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को जीतू के निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए। निलंबन की यह कार्रवाई एकतरफा है और विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं है।

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यहां से शुरू हुआ विवाद

दरअसल, विधानसभा में राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन के दौरान जीतू ने कहा सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी।  उन्होंने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को सरकारी पैसे से खाना खिलाने के आरोप लगाए। जीतू ने कहा- जामनगर में रिलायंस के चिड़ियाघर के लिए मध्यप्रदेश से टाइगर, तेंदुए और लोमड़ी जैसे प्राणी भेजे। उसके बदले छिपकली और तोते लिए। सत्ता पक्ष ने कहा- इसका प्रमाण दें। जीतू ने कहा- मैं जो बातें कर रहा हूं, विधानसभा के प्रश्नोत्तर के आधार पर कर रहा हूं। जवाब में जीतू ने जो दस्तावेज पटल पर रखे, उस पर अध्यक्ष ने पाया कि जवाब संतोषजनक नहीं हैं। इसके बाद जीतू को सत्र से सस्पेंड कर दिया गया।

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सारंग बोले- हमारे पास सारे दस्तावेज हैं

उधर, सरकार ने जीतू के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि वह पिछले सत्र में भी झूठ के सहारे सरकार को घेर रहे थे। इस बार भी उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के खाने का बिल सरकार द्वारा देने के आरोप लगाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विधानसभा में इस संबंध में दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि हमने 2014 से लेकर अब तक भाजपा के कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं को जो भी खाना खिलाया, उसके सभी बिल होटल पलाश और पर्यटन विकास निगम को भाजपा के खाते से चुकाए गए हैं। इसका पूरा रिकॉर्ड हमारे पास है।

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