
भोपाल। मध्यप्रदेश के करीब 40 हजार बैंककर्मी आज हड़ताल पर हैं। ये हड़ताल 17 सूत्रीय मांगों के समर्थन में की जा रही है। इसका असर प्रदेश की लगभग 8,500 बैंक शाखाओं पर पड़ेगा, जिससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कौन कर रहा है हड़ताल का आयोजन?
इस हड़ताल का आह्वान ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने किया है। उन्होंने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की मांगों के समर्थन में यह फैसला लिया है।
क्या हैं बैंककर्मियों की मुख्य मांगें?
- श्रमिक संगठनों की लंबित मांगों का हल निकाला जाए।
- सरकारी बैंकों और बीमा कंपनियों को मजबूत किया जाए।
- बैंकों और LIC में निजीकरण रोका जाए।
- बीमा क्षेत्र में 100% FDI पर रोक लगे।
- सरकारी बीमा कंपनियों का एक में विलय हो।
- सभी विभागों में पर्याप्त भर्ती हो।
- आउटसोर्सिंग और कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स पर रोक लगे।
- नई पेंशन योजना (NPS) हटाई जाए, पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल हो।
- कॉर्पोरेट्स से बकाया लोन की वसूली के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
- आम लोगों के लिए बैंक सेवा शुल्क कम किया जाए।
- इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाला GST हटाया जाए।
- श्रमिकों पर लागू होने वाली नई श्रम संहिताएं न लागू की जाएं।
- यूनियनों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
- बैंककर्मियों की लंबित मांगों को जल्दी पूरा किया जाए।
भोपाल में 400 शाखाएं रहेंगी बंद
भोपाल में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। यहां के विभिन्न बैंकों की 400 शाखाओं के 5 हजार से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल होंगे। इससे आम लोगों के बैंक से जुड़े काम ठप हो सकते हैं।
ट्रेड यूनियन प्रवक्ता का बयान
ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता वीके शर्मा ने कहा कि यह हड़ताल केंद्र सरकार की जन और श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ है। ट्रेड यूनियनों की 17 सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल बुलाई गई है।