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एक अप्रैल से नई व्यवस्था, योजनाओं का पैसा समय पर नहीं दिया तो मप्र से 7 फीसदी जुर्माना वसूलेगा केंद्र

मनीष दीक्षित, भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की वित्तीय व्यवस्था संभाल रहे अधिकारियों को अब ज्यादा सतर्कता से काम करना होगा। केंद्रीय योजनाओं का पैसा समय पर नहीं देने पर मोदी सरकार ने मप्र सरकार को चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि यदि केंद्र द्वारा पोषित योजनाओं के लिए राज्य समय पर अपने हिस्से की राशि नहीं देगा तो केंद्र सरकार 7 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलेगी।

केंद्र ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के निदेशक प्रतीक कुमार सिंह ने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और प्रमुख सचिव वित्त को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि योजनाओं के लिए केंद्र से आने वाले बजट और इसके राज्य के हिस्से को निर्धारित समय पर सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) के खाते में 30 दिन के अंदर डाला जाए, ताकि समय पर संबंधित योजना की राशि खर्च की जा सके। अगर ऐसा नहीं किया तो मध्यप्रदेश को सालाना 7 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। यह नई व्यवस्था एक अप्रैल 2023 से लागू होगी।

पैसा जमा कराने की अवधि भी कम हुई

सिंगल नोडल एजेंसी के खाते में केंद्र से आया पैसा जमा करने की अवधि इससे पहले 21 दिन थी, जबकि राज्य के बजट की अवधि 40 दिन थी। अब केंद्र सरकार से आए बजट को जमा करने की अवधि को 30 दिन किया गया है। साथ ही आगाह भी किया है कि इस समय सीमा के बाद जितने वक्त तक राज्य सरकार के विभाग अपने पास पैसा रोके रखेंगे, उतने वक्त के लिए 7 फीसदी वार्षिक की दर से जुर्माना ब्याज देना होगा। इसमें 23 मार्च 2021 की 21 दिन में हस्तांतरित करने की पुरानी व्यवस्था को संशोधित करने का भी जिक्र किया गया है। जाहिर है इस नई व्यवस्था के चलते वित्त विभाग के अलावा उन सभी विभागों के अधिकारियों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी, जिनके विभागों में केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं।

योजनाओं को धरातल पर लाने में होगी आसानी

मोदी सरकार का मानना है की इस नई व्यवस्था से केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर उतारने में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों की यह रिपोर्ट है कि केंद्र से वित्तपोषित योजनाओं के लिए वक्त रहते बजट खर्च नहीं किया जा रहा है। ऐसे में राज्यों के मुख्य सचिवों को इस नई व्यवस्था से आगाह किया गया है। समय पर बजट सिंगल नोडल एजेंसी के खाते में जमा न करने पर भारत सरकार के कंसोलिडेटिड फंड में इसे जमा करना होगा।

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