
अहमदाबाद। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में राहुल गांधी को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए उनकी 2 साल की सजा पर रोक लगाने के इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा- इस केस के अलावा राहुल के खिलाफ कम से कम 10 केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है।
सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस फैसले के 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। वहीं इसके अगले ही दिन 24 मार्च को दोपहर 2:30 बजे राहुल की सांसदी चली गई थी।
सजा के बाद राहुल की संसद सदस्यता रद्द की गई
23 मार्च को मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद 24 मार्च 2023 को उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से ही जीतकर संसद पहुंचे थे। अयोग्यता का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद लोकसभा सचिवालय ने 27 मार्च को उन्हें नोटिस भेजकर 22 अप्रैल तक सरकारी बंगला खाली करने को कहा था। राहुल ने अपने जवाब में कहा कि, मैं इस नोटिस का पालन करूंगा।
राहुल के खिलाफ मानहानि के पांच केस दर्ज
मोदी सरनेम वालों को चोर कहकर उनका अपमान करने वाले बयान को लेकर अलग-अलग राज्यों में राहुल पर मानहानि के पांच केस दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में सूरत कोर्ट उन्हें दो साल की सजा सुना चुका है। वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना की मजिस्ट्रेट कोर्ट में मोदी सरनेम मामले को लेकर मानहानि का मामला दायर किया है।
राहुल गांधी को 2 साल की सजा
राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी करार करते हुए उन्हें 2 साल की सजा सुनाई और 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। जिसके तुरंत बाद उन्हें 30 दिन की जमानत भी मिल गई थी। राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- ‘बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी।’ कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कोर्ट में कहा कि- मेरा इरादा गलत नहीं था। ”मैंने जो बोला, वो राजनेता के तौर पर बोला। मैं हमेशा देश में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाता रहा हूं।” सुनवाई के दौरान राहुल के वकील ने जज से अपील की थी कि, उनके बयान से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा सुनाई जाए। वहीं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इस मामले में अधिकतम सजा और जुर्माने की मांग की थी।
राहुल धारा 500 के तहत दोषी करार
इस केस में राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल को कोर्ट ने तुरंत राहत देते हुए 30 दिन की जमानद दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल को इसी समय में ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त दिया। वे इस दौरान परमानेंट बेल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
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क्या है पूरा मामला
राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान ये बयान दिया था। 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि- नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे।
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