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भारत-पाक बॉर्डर पर फिर अलर्ट, पंजाब समेत चार राज्यों में कल मॉक ड्रिल, ऑपरेशन सिंदूर के दिन भी हुई थी

नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे चार अहम राज्यों राजस्थान, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में कल शाम यानी गुरुवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इस ड्रिल का उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में किसी भी आपात स्थिति (जैसे हमला, एयरस्ट्राइक या आतंकी घुसपैठ) से निपटने के लिए आम नागरिकों और प्रशासन की तैयारी को परखना है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद मॉक ड्रिल की जरूरत

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर मौजूद 9 आतंकी अड्डों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी। इस सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है।

यही कारण है कि अब सीमावर्ती राज्यों में सतर्कता और नागरिक तैयारी बढ़ाने के उद्देश्य से मॉक ड्रिल की जा रही है।

क्या होती है मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज

मॉक ड्रिल एक तरह की वास्तविक परिस्थितियों जैसी प्रशिक्षण प्रक्रिया है जिसमें यह जांचा जाता है कि किसी हमले, प्राकृतिक आपदा या अन्य आपात स्थिति में आम जनता और प्रशासन कैसे प्रतिक्रिया देगा।

ब्लैकआउट एक्सरसाइज के दौरान तय समय पर पूरे इलाके की बिजली बंद कर दी जाती है ताकि रात में होने वाले हवाई हमले या मिसाइल अटैक की स्थिति में दुश्मन को निशाना साधने में दिक्कत हो। इससे क्षेत्र को सुरक्षित और अदृश्य बनाए रखने में मदद मिलती है।

7 मई को हुआ था राष्ट्रीय स्तर पर ब्लैकआउट

7 मई को गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 244 शहरों में एक साथ मॉक ड्रिल और 12 मिनट का ब्लैकआउट आयोजित किया गया था। इन शहरों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट घोषित किया गया है।

इस दौरान छात्रों, कर्मचारियों और नागरिकों को बताया गया कि युद्ध या आतंकी हमले जैसी आपात स्थिति में कैसे बचाव करना है, कैसे सुरक्षित स्थान पर पहुँचना है और किस तरह प्रशासन के निर्देशों का पालन करना है।

1971 युद्ध के बाद पहली बार इतनी बड़ी मॉक ड्रिल

इतने व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल का आयोजन 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान हुआ था। तब के हालात में युद्ध की स्थिति में नागरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार के अभ्यास किए गए थे। अब एक बार फिर ऐसी मॉक ड्रिल की वापसी हो रही है, जिससे यह साफ है कि देश सुरक्षा दृष्टि से पूरी तरह सजग और सक्रिय है।

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