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पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डाल रहा मोबाइल, तीन साल में ऐसे 72 मामलों में हुआ तलाक

फैमिली कोर्ट में तीन वर्ष में मोबाइल विवाद के 818 केस पहुंचे

पल्लवी वाघेला-भोपाल। रिलेशनशिप कोई भी हो, इसे निभाने में कई चुनौतियां आती हैं। इनमें एक नई चुनौती मोबाइल फोन के रूप में जुड़ गई है। कई रिसर्च और भोपाल फैमिली कोर्ट के आंकड़े खुलासा करते हैं कि मोबाइल फोन दंपतियों में विवाद से लेकर रिश्ते टूटने तक की वजह बन रहा है। बीते तीन साल में फैमिली कोर्ट में दंपति में विवाद के 818 मामले मोबाइल से जुड़े पहुंचे हैं, इनमें से 72 में तलाक भी हुए।

फबिंग बना कारण

फबिंग एक मनोवैज्ञानिक टर्म है, जिसका अर्थ है – फोन या अन्य मोबाइल डिवाइस पर ध्यान देने के लिए अपने पार्टनर को नजरअंदाज करना। फैमिली कोर्ट पहुंचे मामलों में शक से अधिक मामले फबिंग के हैं। पार्टनर की शिकायत है कि वह बात कर रहे होते हैं, लेकिन पूरा ध्यान मोबाइल चैटिंग, सोशल मीडिया या फिर गेम खेलने में होता है। कई बार वह महत्वपूर्ण बात को बीच में छोड़कर फोन देखने लगते हैं। मेल पार्टनर की शिकायत है कि पत्नी मोबाइल पर बात करने या सोशल मीडिया पर रील आदि के चक्कर में घर-परिवार और उस पर ध्यान नहीं देती। उनसे ज्यादा मोबाइल को तवज्जो दी जाती है। फबिंग के अलावा पार्टनर द्वारा मोबाइल फोन चेक करना, मोबाइल के कारण उपजा शक, पार्टनर की सोशल मीडिया पोस्ट और रील्स भी विवाद के कारण बने।

केस-1

महिला ने बताया कि पति को उसके मोबाइल रखने से आपत्ति है। मामले में पति से पूछताछ हुई तो उसने कहा कि पत्नी सोशल मीडिया पर रोज तस्वीरें और रील डालती है। यह उसे पसंद नहीं है। मना करने पर मायके वालों को फोन लगाकर शिकायत करती है और वह उल्टा पत्नी को भड़काते हैं। इसी विवाद में उसका हाथ पत्नी पर उठ गया।

केस-2

एक पत्नी की शिकायत थी कि पति को मोबाइल की ऐसी लत है कि उनके पर्सनल स्पेस में भी मोबाइल को नहीं छोड़ते। वह मोबाइल इस तरह रखते हैं कि उनकी नजर उस पर पड़ती रहे और मैसेज चेक करते रहते हैं। मामले में पति ने कहा कि वह चाहने पर भी मोबाइल छोड़ नहीं पाता। मोबाइल हाथ में न आने पर उसे बेचैनी होने लगती है।

ऐसे मामलों में पति-पत्नी के बीच संवाद जरूरी है। किसी भी एक पार्टनर द्वारा दूसरे को वक्त न दे पाने से यह समस्या ज्यादा आ रही है। कुछ मामलों में हमने मोबाइल डिटॉक्स की सलाह देते हुए कपल को दो दिन मोबाइल फोन से दूरी बनाने का टास्क दिया है। इससे उनके रिश्ते में काफी सुधार आया। -डॉ. मीनू शर्मा, काउंसलर

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