
इंदौर। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह इन दिनों चौतरफा विवादों से घिरे हुए हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी देने वाली सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते जहां हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं, वहीं अब एक सरकारी कार्यशाला में उनकी तस्वीर को छिपाने का मामला सामने आया है।
यह अजीबोगरीब घटनाक्रम गुरुवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में देखने को मिला, जब वन विभाग और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यशाला के बैकड्रॉप में छपे विजय शाह के फोटो को सफेद कागज से ढककर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर चिपका दी गई।
अधिकारियों ने दिखाई नाराजगी, आनन-फानन में बदला गया पोस्टर
जानकारी के मुताबिक, कार्यशाला की शुरुआत से पहले जब आला अधिकारियों की नजर बैकड्रॉप पर गई, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्री विजय शाह दोनों के बड़े फोटो छपे थे, तो अधिकारियों ने नाराजगी जताई। कार्यक्रम से ठीक पहले अधिकारियों ने मौके पर मौजूद स्टाफ को फटकार लगाई और मंत्री विजय शाह का पोस्टर हटाने को कहा। चूंकि पूरा बैकड्रॉप पहले से तैयार था और पोस्टर को हटाना संभव नहीं था, इसलिए उस पर सफेद कागज चिपकाकर पीएम मोदी की तस्वीर लगाई गई।
विभागीय मंत्री की कार्यशाला में ही तस्वीर ढकी गई
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चश्मदीदों का कहना है कि यह कार्यशाला जनजातीय कार्य विभाग की ओर से आयोजित की गई थी, जिसके मंत्री स्वयं विजय शाह हैं। कार्यशाला का विषय वन अधिकार अधिनियम 2006 को लेकर जिलास्तरीय समितियों का प्रशिक्षण था। इसमें विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा और इंदौर संभाग के उपायुक्त बृजेश पांडे भी शामिल हुए। जब पांडे से मंत्री की तस्वीर ढके जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा-‘मुझे इस मामले में कुछ भी जानकारी नहीं है।’
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
कार्यक्रम के बैकड्रॉप को लेकर जो दृश्य सामने आया, उसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि कार्यशाला के स्टेज पर लगे होर्डिंग पर विजय शाह की तस्वीर ढकी जा रही है और उसकी जगह प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर चिपकाई जा रही है।
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि जब खुद सरकार को अपने मंत्री की तस्वीर छिपानी पड़ रही है, तो यह साफ संकेत है कि वे नैतिक और राजनीतिक रूप से मंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।