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ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस के दो महीने बाद मिनरल डील पर मुहर, अमेरिका ने यूक्रेन को दी थी 350 बिलियन डॉलर की मदद

अमेरिका और यूक्रेन के बीच फरवरी में शुरू हुई दुर्लभ खनिजों की डील आखिरकार अब पूरी हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच इस डील को लेकर तीखी बहस हुई थी, लेकिन अब दोनों देश एक रणनीतिक समझौते पर पहुंच गए हैं। इस डील के तहत अमेरिका ने रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे यूक्रेन को 350 बिलियन डॉलर (करीब 29 लाख करोड़ रुपए) की वित्तीय और सैन्य मदद दी है, जिसके बदले में अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों तक पहुंच मिली है।

फरवरी में व्हाइट हाउस में हुआ था विवाद

फरवरी के अंत में राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिका दौरे पर गए थे, जहां व्हाइट हाउस में सीजफायर के मुद्दे को लेकर ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हो गई थी। बहस इतनी बढ़ गई थी कि जेलेंस्की डील पर साइन किए बिना ही अमेरिका से लौट गए थे। लेकिन अब दो महीने बाद यह डील फाइनल हो गई है, जिससे अमेरिका को यूक्रेन के बहुमूल्य खनिज भंडारों तक अधिकार मिल गया है।

यूक्रेन के पास हैं दुनिया के सबसे कीमती खनिज

यूक्रेन में 100 से अधिक दुर्लभ खनिजों का विशाल भंडार है। इनमें से 20 खनिजों को अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने अमेरिका की इकोनॉमिक ग्रोथ और नेशनल सिक्योरिटी के लिए बेहद अहम बताया है। डील के तहत अमेरिका को इन खनिजों में से 50% हिस्सेदारी मिल गई है।

यूक्रेन के पास प्रमुख खनिज

  1. टाइटेनियम: चांदी जैसी दिखने वाली यह धातु लोहे और स्टील से कई गुना ज्यादा मजबूत लेकिन हल्की होती है। इसे 2000°C पर पिघलाया जा सकता है, जिससे यह विमानों, स्पेसक्राफ्ट और पावर स्टेशन जैसे हाई-टेम्परेचर क्षेत्रों में काम आती है। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले वैश्विक टाइटेनियम उत्पादन में यूक्रेन की हिस्सेदारी 7% थी।
  2. लिथियम: यह दुनिया की सबसे हल्की धातु है, जो बैटरियों में इस्तेमाल होती है। हवा में ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही यह जलने लगता है, इसलिए इसे तेल में डुबोकर रखा जाता है। यूरोप के कुल लिथियम भंडार का 33% हिस्सा अकेले यूक्रेन में मौजूद है।
  3. यूरेनियम: रेडियोएक्टिव और परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाली यह धातु यूक्रेन में बड़ी मात्रा में पाई जाती है। वैश्विक यूरेनियम भंडार का लगभग 2% हिस्सा यूक्रेन में है।
  4. रेयर अर्थ मिनरल्स: यह 17 खनिजों का समूह है, जिनका इस्तेमाल मोबाइल चिप, इलेक्ट्रॉनिक्स, मिलिट्री इक्विपमेंट और स्पेस टेक्नोलॉजी में होता है। इनमें नियोडिमियम, थ्यूलियम, गैडोलिनियम, समैरियम, स्कैंडियम, अर्बियम आदि शामिल हैं।
  5. ग्रेफाइट: इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियों में काम आने वाला यह खनिज भी यूक्रेन में बड़ी मात्रा में मौजूद है, जिससे अमेरिका को Tesla जैसी कंपनियों को सप्लाई में फायदा मिलेगा।

अमेरिका कैसे कमाएगा अरबों डॉलर

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के 50% दुर्लभ खनिजों पर अधिकार का प्रस्ताव दिया है, जिसमें लिथियम, टाइटेनियम, ग्रेफाइट और यूरेनियम जैसे खनिज शामिल हैं। इन खनिजों का उपयोग टेस्ला की कारों, स्पेसएक्स के रॉकेट, अमेरिकी सेना की होवित्जर तोपों और स्मार्टफोन की चिप्स तक में होता है। अमेरिका इन खनिजों को प्रोसेस करके वैश्विक बाजार में बेचकर अरबों डॉलर की कमाई करेगा।

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