
इंदौर। महू की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने जाम गेट पर हुए बहुचर्चित गैंगरेप और आर्मी के ट्रेनी ऑफिसरों से मारपीट के मामले में पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रविशंकर दोहने ने अपने फैसले में कहा कि, छावनी क्षेत्र में देश के रक्षक और एक महिला के साथ मारपीट व गैंगरेप किया गया। ऐसे अपराधियों को क्षमा नहीं किया जा सकता।
विशेष लोक अभियोजक संध्या उईके ने बताया कि, आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए 32 गवाहों की गवाही और डीएनए रिपोर्ट को अहम आधार बनाया गया। मामले में छह आरोपी थे, लेकिन एक आरोपी नाबालिग था, जिसके खिलाफ बाल न्यायालय में मामला चल रहा है।
इन आरोपियों को मिली सजा
- अनिल बारोर (27 वर्ष) – मुख्य आरोपी, घटना के लिए बाकी आरोपियों को बुलाया।
- पवन बंसूनिया (23 वर्ष) – आर्मी ट्रेनी अफसर से मारपीट में शामिल।
- रीतेश भाभर (25 वर्ष) – गैंगरेप का दूसरा मुख्य आरोपी, कट्टा दिखाकर धमकाया।
- रोहित गीरवाल (23 वर्ष) – आर्मी ट्रेनी अफसर से मारपीट की।
- सचिन मकवाना (25 वर्ष) – पहली बार अपराध में शामिल।
जाम गेट पर हुई थी वारदात
- 10 सितंबर 2024 की रात महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र में स्थित जाम गेट के पास यह दर्दनाक घटना घटी।
- रात 2 बजे: दो ट्रेनी ऑफिसर अपनी महिला मित्रों के साथ वहां घूमने आए थे।
- रात 2:30 बजे: 7-8 बदमाशों ने दोनों अफसरों पर लाठी-डंडों से हमला किया और 10 लाख रुपए की मांग की।
- रात 3 बजे: बदमाशों ने एक अफसर और एक महिला को बंधक बना लिया, जबकि अन्य को पैसे लाने भेज दिया।
- रात 4 बजे: पैसे न मिलने पर महिला के साथ गैंगरेप किया गया।
- सुबह 5 बजे: पुलिस और आर्मी के जवान मौके पर पहुंचे, लेकिन आरोपी फरार हो चुके थे।
10 लाख रुपए की रखी डिमांड
आरोपियों ने एक अफसर और एक युवती को बंधक बना लिया था। 10 लाख रुपए की डिमांड भी की थी। एक आर्मी अफसर और एक महिला को छोड़कर कहा कि, 10 लाख रुपए और लाओ। जब तक रुपए नहीं लाआगे, इन्हें नहीं छोड़ा जाएगा। घबराए अफसर ने नेटवर्क में आकर यूनिट कमांडिंग अफसर को घटना बताई और तुरंत डायल-100 को सूचना दी। आर्मी ने महू पुलिस और ग्रामीण एसपी को वारदात की जानकारी दी। बुधवार तड़के पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो गाड़ियां देखकर बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले थे। आरोपियों ने युवती और उसके साथी मेजर को अलग-अलग रखा था। पुलिस ने चारों को अस्पताल में भर्ती कराया।
पुलिस ने कैसे पकड़े आरोपी?
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की।
- 12 सितंबर: पुलिस ने मुख्य आरोपी अनिल को मानपुर से गिरफ्तार किया।
- 14 सितंबर: अन्य फरार आरोपियों को भी पकड़ लिया गया।
- 16 सितंबर: सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
डीएनए रिपोर्ट से साबित हुआ अपराध
बड़गोंदा पुलिस ने अनिल और रीतेश के डीएनए सैंपल को जांच के लिए भेजा था। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि, इन्हीं दोनों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया फैसला
लगभग छह महीने तक चली सुनवाई के बाद, 25 मार्च 2025 को कोर्ट ने पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि यह अपराध अक्षम्य है और ऐसे अपराधियों को समाज में रहने का अधिकार नहीं है।
इस फैसले से पीड़िता और आर्मी अधिकारियों को न्याय मिला है। पीड़िता और उसके परिजनों ने अदालत के इस निर्णय का स्वागत किया है।