भोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश: 18 महीने बाद खुले पहली से 5वीं तक के स्कूल, माता-पिता की लिखित सहमति अनिवार्य

भोपाल। मध्यप्रदेश में करीब 18 महीने बाद आज से पहली से 5वीं तक के स्कूल खुल गए हैं। नन्हें मुन्ने बच्चे परिजनों के साथ स्कूल पहुंच रहे हैं। बच्चों में स्कूल जाने को लेकर खास उत्साह है तो कुछ बच्चे अभी भी स्कूल नहीं जाना चाहते हैं। कई माता-पिता सुबह से ही अपने बच्चों को स्कूल ले जाते दिखे, वहीं कुछ अभी भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि आज स्कूल खुलने से पहले स्कूलों की साफ-सफाई के साथ सैनिटाइजेशन का काम किया गया। वहीं शिक्षकों का इस बारे में कहना है कि इस बार बच्चों के स्कूल पहुंचने पर सुरक्षा को लेकर उनकी भी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं।

टेम्प्रेचर चेक करने के बाद ही बच्चों को स्कूल में एंट्री दी जा रही है।

माता-पिता की लिखित सहमति अनिवार्य

प्रदेशभर में स्कूल खुलने के साथ प्राइमरी स्कूलों में 50 फीसदी क्षमता के साथ कक्षाओं का संचालन होगा। पहले दिन स्कूल बुलाने वाले बच्चों को वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से माता-पिता को मैसेज किया गया है। खास बात यह है कि स्कूलों में माता-पिता की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। माता-पिता की लिखित सहमति पत्र के बिना स्टूडेंट्स को क्लास रूम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

स्कूल में एंट्री से पहले सभी बच्चों के हाथ सैनेटाइज कराए जाए रहें हैं।

इन सावधानियों को रखा जा रहा ध्यान

  • बच्चों के हाथ सैनेटाइज कराने के बाद ही स्कूल में एंट्री दी जा रही है।
  • एंट्री के दौरान बच्चों का टेम्प्रेचर भी चेक किया जा रहा है।
  • क्लास रूम में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाया जा रहा है।
  • क्लास में बच्चों को मास्क अनिवार्य किया गया है।
  • हर शिक्षक की क्लास रूम में ड्यूटी लगाई गई है, कि बच्चे एक-दूसरे के साथ दूरी का पालन करें।
  • बच्चों के लंच बॉक्स और बॉटल को एक दूसरे के साथ शेयर ना करने को लेकर भी निगरानी की जा रही है।
  • बच्चे को सर्दी खांसी जुकाम होने पर माता-पिता उन्हें स्कूल ना भेजें।
  • स्कूल ना आने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई है।
बच्चे मास्क लगाकर ही स्कूल पहुंच रहे हैं।

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