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भोपाल की महिला बैंक कर्मचारी के साथ डिजिटल अरेस्ट का मामला, ठग ने खुद को बताया एसबीआई बैंक का प्रतिनिधि

भोपाल की एक महिला बैंक कर्मी के साथ डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। ठग ने खुद को एसबीआई बैंक का प्रतिनिधि बताते हुए महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की। ठग ने ये दावा किया कि महिला के खाते से 2 करोड़ 56 लाख रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है और मुंबई क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है। घबराई महिला ने खुद को कमरे में बंद कर ठग से वीडियो कॉल पर बात करनी शुरू कर दी, जिससे परिवार को शक हुआ। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने महिला को ठगी से बचाया। 

बैंक डिटेल भी देने वाली थी महिला

महिला के साथ ठगो ने पूरी योजना के साथ ठग किया। पहला फोन कटा तो तुरंत दूसरे ठग का वीडियो कॉल आ गया, जिसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। वह वर्दी में नजर आया और ऐसा लगा जैसे वह पुलिस कार्यालय में बैठा हो। ठग ने महिला से 40 मिनट तक बात की, इस दौरान उसने आधार कार्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारी साझा कर दी। ठगों ने बैंक डिटेल भी मांगी। 

काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बावजूद जब महिला ने नहीं सुना तो परिवार ने खिड़की से झांका। वह वीडियो कॉल पर बात करते हुए परेशान दिख रही थी। इसके बाद उन्होंने अपने पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी।

पुलिसकर्मी बोले- वह नकली पुलिस है, तब खोला दरवाजा

कोलार थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक कैलाश जाट, आरक्षक बलराम कुर्मी, और अजय झारिया ने महिला को बचाया। कैलाश ने बताया कि महिला उन्हें देखकर असमंजस में थीं, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि फोन पर बात करने वाले ही असली पुलिसकर्मी हैं। जैसे ही उसे पता चला की वह नकली पुलिस है, उसने फोन काटा और दरवाजा खोला।

 

बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क है महिला 

पीड़ित महिला का नाम प्रणाली थूल है, जो कोलार के दानिश कुंज में अपने परिवार के साथ रहती हैं। प्रणाली बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। 

प्रणाली को रविवार दोपहर 12:40 बजे एक फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एसबीआई बैंक का प्रतिनिधि बताते हुए कहा कि ‘उनके खाते से दो करोड़ 56 लाख रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है, और इसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस कर रही है।’

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