
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आज तीसरा दिन है। ओम बिरला को ध्वनिमत से लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पीकर पद के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा। इसका एनडीए के सहयोगी दलों के सांसदों ने समर्थन किया।
स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने सदन में इमरजेंसी की निंदा की। उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था। इसके बाद सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।

लाइव अपडेट्स…
लोकसभा स्पीकर ने इमरजेंसी की निंदा की
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है। इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी ली। 25 जून 1975 का दिन भारत के इतिहास में सदैव एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा। आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था और बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान पर हमला किया था।
लोकसभा स्पीकर ने कहा कि भारत को पूरे विश्व में लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। भारत ने हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और बहस का समर्थन किया है। लोकतांत्रिक मूल्यों की सदैव रक्षा एवं प्रोत्साहन किया गया है। ऐसी ही तानाशाही इंदिरा गांधी ने भारत पर थोपी थी। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया।
ओम बिरला ने कहा- इतना ही नहीं, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमिटेड ब्यूरोक्रेसी और कमिटेड ज्यूडिशियरी की भी बात कही, जो कि उनकी लोकतंत्र विरोधी रवैये का एक उदाहरण है। इमरजेंसी अपने साथ ऐसी असामाजिक और तानाशाही की भावना से भरी भयंकर कुनीतियां लेकर आई।
कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए इन संशोधनों का लक्ष्य था कि सारी शक्तियां एक व्यक्ति के पास आ जाएं, न्यायपालिका पर नियंत्रण हो और संविधान के मूल सिद्धांत खत्म किए जा सकें। ऐसा करके नागरिकों के अधिकारों का दमन किया गया और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आघात किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- 1975 में आज के ही दिन तब की कैबिनेट ने इमरजेंसी का पोस्ट-फैक्टो रेटिफिकेशन किया था, इस तानाशाही और असंवैधानिक निर्णय पर मुहर लगाई थी। इसलिए अपनी संसदीय प्रणाली और अनगिनत बलिदानों के बाद मिली इस दूसरी आजादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए, आज ये प्रस्ताव पास किया जाना आवश्यक है। हम ये भी मानते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के इस काले अध्याय के बारे में जरूर जानना चाहिए।
जब हम आपातकाल (इमरजेंसी) के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये 18वीं लोकसभा, बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को बनाए रखने, इसकी रक्षा करने और इसे संरक्षित रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है।
लोकसभा स्पीकर ने जताया आभार
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सदन के सभी सदस्यों को मुझे फिर से सदन के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निर्वाहन करने का अवसर देने के लिए सबका आभार व्यक्त करता हूं। मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए भी मैं सभी का आभारी हूं। यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी एक भी वोट पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयासों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। पिछले एक दशक में लोगों की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। इसलिए, यह हमारा दायित्व बनता है कि उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें।
आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो – अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- मैं लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बहुत बधाई देता हूं। जिस पद पर आप बैठे हैं, इससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप हर सासंद और हर दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे। निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है। हम सबकी अपेक्षा है कि किसी भी जनप्रतिधि की आवाज ना दबाई जाए। लोकसभा स्पीकर के रूप में आप सबको बराबर मौका देंगे। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता ही है, आपका अंकुश सत्तापक्ष पर भी रहे। आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। किसी भी जनप्रतिनिधि का निष्कासन जैसा न हो। आपकी कुर्सी लोकतंत्र के मुख्य न्यायाधीश की तरह है।
राहुल गांधी ने ओम बिरला को दी बधाई
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर बनने पर ओम बिरला से कहा- मैं आपको दूसरी बार चुने जाने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं आपको पूरे विपक्ष और INDIA गठबंधन की तरफ से बधाई देना चाहता हूं। यह सदन भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज के अंतिम निर्णायक हैं। सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज़ का अधिक प्रतिनिधित्व किया है। विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन अक्सर और अच्छी तरह से चले।
राहुल ने आगे कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व दिया जाए। हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर, हमें भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देकर, आप भारत के संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे। मैं एक बार फिर आपको और सदन के सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने चुनाव जीता है।
दूसरी बार अध्यक्ष बनना अपने आप में रिकॉर्ड – PM
ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको मेरी और इस पूरे सदन की तरफ से बहुत शुभकामनाएं। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। आपके चेहरे पर ये मीठी मीठी मुस्कान पूरे सदन को प्रसन्न रखती है। दूसरी बार अध्यक्ष बनना अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बलराम जाखड़ को 5 साल प्रतिस्पर्धा के बाद दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद पर काम करने का मौका मिला और आज आप भी वही कर रहे हैं।
PM मोदी, रिजिजू और राहुल गांधी आसन तक लेकर गए
भर्तृहरि महताब बने प्रोटेम स्पीकर
सत्र के पहले दिन (24 जून) को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भर्तृहरि महताब ने राष्ट्रपति भवन में सदन के सदस्य और कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई।
27 जून को शुरू होगा राज्यसभा का 264वां सत्र
27 जून को राज्यसभा का 264वां सत्र भी शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा। प्रधानमंत्री मोदी 27 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय करा सकते हैं।
2 Comments