
इंदौर के पंचकुइयां राम मंदिर परिसर में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां आवारा कुत्तों के झुंड ने दो साल की बच्ची पर हमला कर दिया। कुत्तों ने मासूम को घसीटा, उसके सिर पर काट लिया और आंख के पास गहरा घाव कर दिया। बच्ची की चीख सुनते ही मां दौड़कर आई और बहादुरी से कुत्तों से भिड़ गई। किसी तरह उसने बच्ची को कुत्तों के जबड़े से निकाला, लेकिन इस दौरान वह खुद भी घायल हो गई। मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं और पिता ने डंडों और पत्थरों से कुत्तों को भगाया। बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे 35 टांके लगे।
इलाज के लिए भटके, एमवाय में मिली राहत
घटना के बाद बच्ची के माता-पिता घबराहट में उसे लेकर छत्रीपुरा स्थित शिवम हॉस्पिटल पहुंचे। लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिले। इसके बाद क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल गए, मगर वहां भी सीनियर डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। फिर वे टॉवर चौराहा स्थित एप्पल हॉस्पिटल पहुंचे, जहां इलाज के लिए 80 हजार रुपये खर्च करने को कहा गया। आर्थिक तंगी के कारण परिजन सरकारी एमवाय अस्पताल पहुंचे, जहां बच्ची को फ्री इलाज मिला।
डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची के सिर की त्वचा बुरी तरह नोच ली गई थी और आंख के पास गहरे घाव थे। साथ ही उसकी आंखें भी बुरी तरह घायल हो गई थी। इसके बाद उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन भी दिया गया।
मंदिर परिसर में कुत्तों का आतंक, 24 घंटे में 7 लोग घायल
मंदिर और आसपास के इलाके में 50 से ज्यादा आवारा कुत्ते घूम रहे हैं, जो श्रद्धालुओं और गोशाला की गायों-बछड़ों पर भी हमला कर चुके हैं। 19 मार्च को ही तीन श्रद्धालुओं को कुत्तों ने काटा, जबकि बीते 24 घंटे में 7 लोग इनका शिकार बने। घटना को लेकर महामंडलेश्वर रामगोपाल दास जी महाराज ने नगर निगम कमिश्नर और मेयर से संपर्क किया और शहर से बाहर कुत्तों के लिए बड़े आश्रय स्थल बनाने की मांग की।
हर महीने 4-5 हजार डॉग बाइट केस, प्रशासन पर उठे सवाल
हुकुमचंद हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. आशुतोष शर्मा के अनुसार, इंदौर में हर महीने 4 से 5 हजार डॉग बाइट केस दर्ज हो रहे हैं। बीते एक साल में यह आंकड़ा 50 हजार पार कर चुका है। हाईकोर्ट पहले ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर चुका है और नगर निगम को एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के तहत नसबंदी और टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिया गया है।
वहीं मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि जल्द ही अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को शहर से बाहर किया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के तहत ठोस कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक नेताओं ने भी जताई चिंता
आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान और भाजपा पार्षद प्रशांत बड़वे पहले भी निगम परिषद की बैठक में आवाज उठा चुके हैं। दोनों ने सुझाव दिया था कि शहर के बाहर दूरस्थ आश्रय स्थल बनाए जाएं और संस्थाओं के माध्यम से भोजन की व्यवस्था हो।
सामाजिक कार्यकर्ता महेश गर्ग ने कहा कि कुत्तों की हिंसा बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल सख्त कदम उठाने की मांग की।