
मध्यप्रदेश में OBC को 27% आरक्षण देने के खिलाफ कई पिटीशन फाइल किए गए थे। इस पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। सभी ट्रांसफर पिटीशन को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि इन सभी मामलों को सुना जाएगा। इस दौरान एमपी के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट से कहा कि यह 50 फीसदी आबादी से जुड़ा मामला है। इसलिए उन्होंने जल्द ही सुनवाई करने की मांग की है। वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव का कहना है कि इस मामले में याचिकाकर्ताओं को बुलाकर हम संवाद करेंगे।
सुनवाई के दौरान OBC महासभा के वकील भी यहां मौजूद रहे। उन्होंने कहा- मध्यप्रदेश में अलग-अलग विभागों में जिन पदों पर भर्तियां हुई हैं। लेकिन नियुक्ति नहीं दी जा रही है।
भर्तियां हुई लेकिन नियुक्ति नहीं दी जा रही- OBC महासभा वकील
इस दौरान OBC महासभा के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि ‘मध्यप्रदेश में अलग-अलग विभागों में जिन पदों पर भर्तियां हुई हैं, उनमें कई उम्मीदवारों का चयन तो हो चुका है। लेकिन 27% OBC आरक्षण से जुड़ा मामला कोर्ट में होने के कारण उन्हें अब तक नियुक्ति नहीं दी जा रही है। जबकि 27% OBC आरक्षण पर किसी भी कोर्ट ने कानूनी रोक नहीं लगाई। इसके बावजूद प्रक्रिया के नाम पर चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइन नहीं कराया जा रहा है।’
इस पर कोर्ट ने OBC महासभा के वकील से कहा- जो चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दे रहे हैं, एक्ट का क्रियान्वयन नहीं कर रहे हैं। उनके खिलाफ एप्रोप्रियेट प्रोसिडिंग यानी एक पिटीशन लगाए, हम उस पर सुनवाई करके आगे क्रियान्वयन के लिए निर्देश जारी करेंगे।
अगली सुनवाई की तारीख चीफ जस्टिस तय करेंगे
OBC महासभा के वकील वरुण ठाकुर ने बताया कि आज की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता भी मौजूद थे। कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख चीफ जस्टिस तय करेंगे।
जल्द ही इस पर सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे
वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव इस दौरान शासन अकादमी में आयोजित सिविल सेवा दिवस समारोह में शामिल थे। वहां उन्होंने कहा कि ‘OBC आरक्षण को लेकर हमारी सरकार पूरी तरह स्पष्ट है। हम हर हाल में 27% आरक्षण के पक्ष में कायम हैं। हमने अटॉर्नी जनरल को यह भी कहा है कि शिवराज सरकार के समय आई OBC आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण किया जाए।’
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की सोच के साथ हम यह कोशिश कर रहे हैं कि हर वर्ग का भला हो सके। उन्हें भरोसा है कि इस मुद्दे पर जल्दी ही अच्छा और सकारात्मक हल निकलेगा।
कमलनाथ सरकार ने 27% किया था OBC आरक्षण
कमलनाथ सरकार ने 2019 में OBC वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27% कर दिया था। इसके बाद विधानसभा में इससे जुड़े विधेयक को पारित कर दिया गया। 2 सितंबर 2021 को सामान्य प्रशासन विभाग ने OBC को भर्ती में 27% आरक्षण देने का सर्कुलर जारी किया था।
इसके खिलाफ यूथ फॉर इक्वैलिटी संगठन हाईकोर्ट गया। 4 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट ने सरकार के सर्कुलर पर रोक लगा दी।