
भोपाल नगर निगम की बजट बैठक 3 अप्रैल को होगी। लेकिन इससे पहले कांग्रेस पार्षदों ने महापौर परिषद (MIC) को पत्र लिखकर बैठक की अवधि एक दिन से बढ़ाकर दो दिन करने की मांग की है। उनका कहना है कि जनहित से जुड़े अहम मुद्दों को भी एजेंडे में शामिल किया जाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष का दावा- नियमों का उल्लंघन हुआ
नगर निगम परिषद में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने आरोप लगाया कि बजट को 31 मार्च से पहले प्रस्तुत किया जाना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जो नियमों के खिलाफ है। उन्होंने सवाल किया कि अगर बजट नियमानुसार तैयार नहीं हुआ, तो 3 अप्रैल को बैठक किस आधार पर बुलाई जा रही है?
सिर्फ दो बिंदु एजेंडे में, कांग्रेस ने जताई आपत्ति
28 मार्च को जारी एजेंडे में केवल दो ही बिंदु शामिल किए गए हैं-
- निगम मुख्यालय भवन के निर्माण कार्य में अतिरिक्त राशि खर्च करने का प्रस्ताव।
- बजट पर विचार एवं अनुमोदन।
कांग्रेस पार्षदों ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए कहा कि नगर निगम से जुड़े कई अहम मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
एजेंडे में इन मुद्दों को जोड़ने की मांग
कांग्रेस पार्षदों ने बैठक के एजेंडे में बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दे जोड़ने की मांग की है, जिनमें शामिल हैं—
- सफाई, सीवेज, बिजली और पानी से जुड़े अहम मुद्दे।
- सभी 85 वार्डों में स्वच्छता, जल आपूर्ति और सीवेज व्यवस्था पर ठोस योजना।
- सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और वेतन समय पर देने के लिए निश्चित समय-सीमा तय करना।
- अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की पदोन्नति से जुड़ा प्रस्ताव।
- कांग्रेस पार्षदों द्वारा पहले दिए गए सुझावों पर चर्चा।
‘बजट पर विस्तार से चर्चा जरूरी’
कांग्रेस पार्षद योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान ने कहा कि बैठक को दो दिन का करने से बजट पर विस्तार से चर्चा हो सकेगी और जरूरी संशोधन किए जा सकेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता से जुड़े हर जरूरी विषय को एजेंडे में शामिल करना जरूरी है।