
भोपाल के जेपी अस्पताल में गुरुवार शाम हंगामा हो गया। एक मरीज की मौत के बाद परिजनों और समर्थकों ने जमकर बवाल किया। गुस्साए लोगों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। हालात बिगड़ते देख प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी, जिसके कुछ समय बाद मामला थम गया।
मरीज की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने किया रेफर
करोंद निवासी 50 वर्षीय मंजूर को गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे जेपी अस्पताल लाया गया। उन्हें सांस लेने में दिक्कत, खांसी, हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर और तेज शरीर दर्द की शिकायत थी। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सपोर्ट दिया। लेकिन मरीज बार-बार मास्क हटा रहे थे और ईसीजी कराने से मना कर रहे थे।
डॉक्टरों ने मरीज को हमीदिया अस्पताल रेफर किया। लेकिन इसी दौरान उनकी हालत और बिगड़ गई। करीब 7 बजे उनकी पल्स गिरने लगी और कुछ ही देर में उनका निधन हो गया। डॉक्टरों ने बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए।
महिला स्टाफ ने छिपकर बचाई जान
मौत की खबर मिलते ही परिजन आक्रोशित हो गए और डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। कुछ ही देर में 60-70 लोगों की भीड़ जमा हो गई और अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अस्पताल की महिला कर्मचारियों को ICU में छिपकर जान बचानी पड़ी।
एक नर्स ने बताया कि मृतक के साथ आई महिलाओं ने महिला डॉक्टरों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया, जिससे वे काफी डर गई। स्थिति को बिगड़ता देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया। चार थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया।
पोस्टमार्टम करने से इनकार
मृतक के परिजनों ने लिखित रूप से पोस्टमार्टम नहीं कराने की इच्छा जताई, जिसके बाद पीएम नहीं किया गया। जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज पहले से गंभीर हालत में था और कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। हमने परिजनों को स्थिति समझाई और उन्हें अस्पताल से रवाना किया।
ये भी पढ़ें- एलन मस्क का चौंकाने वाला फैसला, खुद को ही बेचा X, 33 अरब डॉलर आंकी गई वैल्यू, जानिए क्या है पूरा मामला