
पीएम मोदी गुरुवार को बिहार के मधुबनी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे। वहां उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ उन्होंने कहा- ‘शुरू करने से पहले हम मृतकों को श्रद्धांजलि देंगे।’ साथ ही उन्होंने 22 अप्रैल को हुए इस हमले को लेकर दुख जताया। साथ ही कहा कि ये भारत की आस्था पर हमला है। बता दे कि पीएम मोदी पंचायती राज कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
हमारा पूरा देश साथ खड़ा है- पीएम मोदी
कार्यक्रम में उन्होंने कहा- ‘अपनी बात शुरू करने से पहले मैं आप सबसे एक प्रार्थना करना चाहता हूं। आप जहां हैं, वहीं अपने स्थान पर बैठे रहकर ही 22 तारीख को जिन परिवारजनों को हमने खोया है। उनको श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद मैं अपनी बात शुरू करूंगा। 22 अप्रैल को जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में मासूम लोगों को जिस तरह से मारा है। उससे पूरा देश व्यथित है। उनके दुख में पूरा देश साथ खड़ा है। जिनका अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों इसके लिए भी सरकार प्रयास कर रही है।’
यह भारत की आस्था पर हमला है- पीएम मोदी
आगे उन्होंने कहा- ‘आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने भाई, किसी ने जीवन साथी खोया। इनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कन्नड़ बोलता था, गुजराती था कोई बिहार का लाल था। आज सभी की मृत्यु पर करगिल से कन्याकुमार तक हमारा आक्रोश एक जैसा है।’
‘ये हमला सिर्फ निहत्थे लोगों पर नहीं हुआ है। भारत की आस्था पर हमला है। स्पष्ट कहना चाहता हूं, हमला करने वालों को और उनकी मदद करने वालों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलकर रहेगी।’
आतंकियों की गिरफ्तारी पर 20 लाख का इनाम
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसारन में 22 अप्रैल को हुए पर्यटकों पर आतंकी हमले के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। अनंतनाग पुलिस ने इस हमले में शामिल पाकिस्तान से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों आदिल हुसैन ठोकर, अली भाई और हाशिम मूसा की गिरफ्तारी में मदद करने वाली जानकारी पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास इन आतंकियों से जुड़ी कोई पुख्ता जानकारी है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई, वहीं 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। घटना बैसारन घाटी में दोपहर 2:45 बजे हुई। वर्दी पहने आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की। हमलावरों ने पहले लोगों से उनका नाम पूछा और कलमा पढ़ने को कहा। नाम से धर्म पहचानने के बाद सीधे सिर में गोली मार दी गई। मारे गए लोगों में यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात, नेपाल और UAE के नागरिक भी शामिल हैं। आतंकी संगठन TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी है।
हमले के बाद सेना ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया और दो आतंकियों को उरी सेक्टर में मार गिराया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब का आधिकारिक दौरा बीच में छोड़ भारत लौटकर हाई लेवल बैठक की, जबकि गृहमंत्री अमित शाह मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने भी कैंडल मार्च निकालकर हमले के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। यह हमला 2019 में हुए पुलवामा अटैक के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। उस हमले में 40 CRPF के जवान शहीद हुए थे।
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